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“प्रवेश मिश्रा, देश के लोगों को शाहीन बाग से नहीं, अमित शाह और आप जैसे नेताओं से खतरा है”

controversial statement of bjp leader pravesh verma on shaheen bagh

चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक पारा चढ़ने लगता है। कई बार अत्यधिक जोशीले भाषण देने के चक्कर में अमर्यादित भाषा का उपयोग करना एक आम बात हो गई है।

मौका था दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार का। इसी मौके पर पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग को लेकर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा,

वहां (शाहीन बाग में) लाखों लोग जमा होते हैं, दिल्ली के लोगों को सोचना होगा और फैसला करना होगा, वे आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहन-बेटियों के साथ बलात्कार करेंगे, उनका कत्ल कर देंगे, आज ही वक्त है, कल मोदी जी और अमित शाह आपको बचाने नहीं आ पाएंगे।

प्रवेश वर्मा

इस विवादित बयान के मामले में इलेक्शन कमीशन ने प्रवेश वर्मा से जवाब मांगा है।

अनुराग ठाकुर का भी विवादित बयान

4 बार सांसद चुने गए और वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के रिठाला विधानसभा इलाके की रैली में उस अमर्यादित भाषा का उपयोग किया, जिससे बचा जा सकता था।

अनुराग ठाकुर

सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे 19 सेकेंड के वीडियो में अपने दोनों हाथ खड़े करके केंद्रीय मंत्री देश के गद्दारों को गोली मारो सा..* को बोलते नज़र आ रहे हैं। इसके साथ ही माननीय मंत्री बीच-बीच में लोगों से इसे ज़ोर-ज़ोर से दोहराने की बात भी कर रहे हैं, ताकि मंच पर आसीन बीजेपी के एक अन्य फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह इसे अच्छे से सुन सकें।

अनुराग ठाकुर मामले में चुनाव आयोग ने उत्तर पश्चिम ज़िले के चुनाव अधिकारी से एक रिपोर्ट मांगी है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है।

अनुराग ठाकुर खुद युवा हैं, भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में उनका यह गैर-ज़िम्मेदाराना बयान युवाओं के सार्वजनिक भाषा शैली के चयन पर असर करेगा।

कपिल मिश्रा का विवादित बयान

आपको कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा आए कपिल मिश्रा का एक ट्वीट याद होगा, जिसमें उन्होंने लिखा था,

8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर भारत पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा।

ट्वीट के सामने आने के बाद विवाद बढ़ा। इलेक्शन कमीशन ने कर्रवाई की और मॉडल टाउन के भाजपा उम्मीवार कपिल मिश्रा को अगले 48 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी गई।

राजनेताओं का इस तरह का विवादित बयान जनता को भड़काने का काम करता है। इस तरह की स्थिति लगभग सभी चुनावों में देखने को मिलती है लेकिन ना ही प्रवेश मिश्रा जैसे नेताओं से शाहीन बाग का आंदोलन बुरा हो सकता है और ना ही अनुराग ठाकुर देश के लोगों को गद्दार का दर्जा दे सकते हैं।

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