शनिवार 11 जनवरी की रात जम्मू नैशनल हाईवे से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। इन लोगों में डीएसपी दविंदर सिंह के अलावा दो आतंकियों के साथ एक स्थानीय एडवोकेट को भी हिरासत में लिया गया है। आतंकी के साथ इस DSP का पकड़ा जाना कोई मामूली बात नहीं है।
असल में ये वही डीएसपी दविंदर हैं, जिनका ज़िक्र अफज़ल गुरु ने अपने एक खत में किया था। ये अलग बात है कि संसद हमले को लेकर DSP की भूमिका की कोई जांच नहीं हुई थी।
DSP दविंदर सिंह का अब पकड़ा जाना सिक्योरिटी सिस्टम पर है सवाल
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर समेत डीएसपी दविंदर सिंह को एक कार से हिरासत में लिया। अब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का आतंकियों के साथ पकड़ा जाना देश की सिक्योरिटी सिस्टम पर कड़े सवाल खड़े करता है।
लेकिन उन सवालों के अलावा एक बड़ा सवाल यह भी है कि 2001 संसद हमले के मामले को लेकर फांसी की सज़ा भुगत चुके अफज़ल गुरु का डीएसपी दविंदर सिंह से क्या ताल्लुक है? यही नहीं, सवाल यह भी है कि संसद हमले को लेकर DSP की भूमिका की कोई जांच क्यों नहीं हुई थी?
DSP दविंदर सिंह का नाम देश ने तब सुना था, जब अफज़ल गुरु के वकील सुशील कुमार ने अफज़ल की हैंडराइटिंग में एक खत सार्वजनिक किया था। अफज़ल ने इस खत में संसद पर हमला करने वाले एक दोषी से अपनी मुलाकात में सिंह की भूमिका का ज़िक्र किया था।
बकौल अफज़ल,
एक दिन अल्ताफ मुझे दविंदर सिंह के पास ले गया। उन्होंने मुझसे कहा कि एक आदमी को दिल्ली ले जाना है, क्योंकि मैं दिल्ली से अच्छे से परिचित था। मुझे उस शख्स के लिए एक किराए के घर का इंतजाम भी करना था। मैं उस शख्स को नहीं जानता था लेकिन मुझे उस पर शक हुआ कि ये कश्मीरी नहीं है और ना ही कश्मीरी बोलता है लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था, क्योंकि दविंदर ने मुझे काम के लिए बोला था।
अफज़ल आगे बताते हैं,
मैं उस शख्स को दिल्ली ले गया। एक दिन उसने मुझसे कहा कि कार खरीदनी है। मैं उसे करोल बाग ले गया और उसने कार खरीदी। वह शख्स दिल्ली में अलग-अलग लोगों से मिलता था। दविंदर उसे (मोहम्मद) और मुझे अलग-अलग कॉल करता था।
ज्ञात हो कि मोहम्मद नाम का आतंकी 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला करने वालों में से एक था, जिसे वहीं मार दिया गया था।
12 लाख रुपये में हुई थी डील
पूछताछ के दौरान यह पाया गया है कि 12 लाख रुपये लेकर उन्होंने आतंकियों को दिल्ली पहुंचाने की डील की थी।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि आतंकियों की योजना गणतंत्र दिवस पर हमला करने की थी।
DSP को हिरासत में लेने के बाद सोशल मीडिया पर क्या कहा दिग्गजों ने?
DSP सिंह के हिरासत में लिए जाने की खबर के बाद सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने ट्विटर पर लिखा,
अफज़ल ने अपने खत में दविंदर सिंह नाम के अधिकारी का ज़िक्र किया था और अब सिंह के ‘आतंकियों के साथ पकड़े जाने की खबर आई है।
कृष्णन का दावा है कि दविंदर सिंह ने अफज़ल को यातना देने की बात कबूली थी और अफज़ल को उस काम के लिए फांसी हुई, जो उसने सिंह के कहने पर किया था।
This is huge! So the decorated police officer Davinder Singh whom Afzal Guru had accused of forcing him to help set up the terrorists who attacked Parliament in 2001, is found to be involved with several terrorists.Obviously he was protected then. Why?Were bigger people involved? https://t.co/8CcR7dfFE2
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 12, 2020
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने DSP के अफज़ल कनेक्शन को लेकर लिखा, “साफ है कि सिंह को अफज़ल के समय बचाया जा रहा था।”
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने क्या कहा?
जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने रविवार 12 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरफ्तारी के बारे में बताते हुए कहा,
एसपी शोपियां को एक सूचना मिली थी कि 2 आतंकी एक आई-10 कार में निकले हैं, जो नैशनल हाईवे जम्मू जाना चाह रहे हैं। एसपी ने मुझे बताया और मैंने DIG साउथ कश्मीर को आदेश दिया कि अपने इलाके में वह नाका लगाएं। नाका लगाने के बाद गाड़ी की तलाशी ली गई और उसमें दो वॉन्टेड आतंकी थे। उनके साथ हमारी फोर्स के एक डीएसपी और एक स्थानीय एडवोकेट भी गए थे।
आईजी विजय कुमार ने आगे कहा, “ये पुलिस अधिकारी कई आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में शामिल थे लेकिन कल जिस तरह से आतंकियों को गाड़ी में लेकर ले जा रहे थे, वह बड़ा अपराध है। उनके साथ वैसा ही सलूक किया जा रहा है, जैसा आतंकी के साथ किया जाता है। उनसे पूछताछ जारी है।”
आईजी विजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि DSP सिंह का संसद हमले के दोषी से संबंध को लेकर उन्हें जानकारी नहीं है। यही नहीं, उन्होंने कहा कि ना ही ऐसा कुछ रिकॉर्ड में है। वहीं, कुमार से जब अफज़ल को यातना देने वाली बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि सिंह से अभी पूछताछ चल रही है और इस बारे में भी पूछ लिया जाएगा।