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“ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव करने वाले इस्लाम का नाम गंदा कर रहे हैं”

गुरुद्वारा ननकाना साहिब

गुरुद्वारा ननकाना साहिब

पिछली शाम पाकिस्तान में ननकाना साहिब जो पाकिस्तान की सबसे धार्मिक जगहों में से एक है, उसके लिए काफी खतरनाक रही। 400 नागरिकों ने हमारे पहले गुरु बाबा नानक के जन्म स्थान गुरुद्वारा ननकाना साहिब का घेराव किया और पत्थर बरसाए।

पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख और कट्टरवादी खालिस्तानी गोपाल सिंह चावला के मुताबिक उस वक्त गुरुद्वारे में 20-30 लोग मौजूद थे। इस भीड़ की अगुआई एक लड़के का परिवार कर रहा था जिसने कथित तौर पर गुरुद्वारे के एक कर्मचारी की बेटी को अगवा कर लिया था।

ये प्रदर्शन उस वक्त शुरू हुआ जब दूध-दही की एक दुकान पर हुए झगड़े ने तूल पकड़ा और उस इलाके में एक पुरानी घटना को साथ मिलाकर पूरी तरह से धार्मिक रंग देने की कोशिश की गई।

गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले के दौरान वहां मौजूद भीड़। फोटो साभार- सोशल मीडिया

गौरतलब है कि बीते साल अगस्त में ननकाना साहिब के एक सिख परिवार ने 6 लोगों पर उनकी 19 साल की लड़की जगजीत कौर को अगवा करने और जबरन धर्म परिवर्तन कराकर एक मुसलमान लड़के से शादी करवाने का आरोप लगाया था।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक चिट्ठी ट्विटर पर साझा करते हुए इस शर्मनाक घटना की कड़ी निंदा की है।

इसके अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा ने फेसबुक पर एक वीडियो साझा किया है, जहां उन्होंने बताया है कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान हाई कमीशन को जवाब तलब कर चुका है।

मनजिंदर सिंह द्वारा फेसबुक पर कई वीडियोज़ शेयर किए गए हैं, जिसमें कट्टरवादी पंजाबी भाषा में कह रहे हैं कि इस शहर का नाम बदल देंगे। ननकाना साहिब को मिटाकर इसका नाम गुलाम मोहम्मद के नाम पर रख देंगे।

ऐसी घटनाएं माफी के लायक नहीं हैं

इतिहास आज तक ना तो इंदिरा गाँधी को ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए माफ कर पाया है और ना ही भाजपा के नेताओं को बाबरी मस्जिद गिराने के लिए। ऐसे में जहां उस इंसान का जन्म हुआ जिसे सिर्फ सिख ही नहीं, बल्कि भारत और पकिस्तान में हर धर्म से जुड़े लोग अपना गुरु मानते हैं, उनके गुरुद्वारे पर यह हमला ना माफी के लायक है और ना हो सकता है।

अब मेरा सवाल उन खालिस्तानियों से है कि वो ननकाना साहिब जिसे पिछले कुछ सालों से भारत और हिन्दू विरोधी गतिविधियों का अड्डा तुमने बनाने की कोशिश की है, जिसमें तुम्हें हमेशा नाकामी हाथ लगी है, क्या यह सब बंद करोगे? ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव करके तुमने इस्लाम का नाम गंदा किया है।

एक बात ये कट्टरवादी पकिस्तानी याद रखें कि आज से सालों पहले अंग्रेज़ों के चमचे नारायण दास ने एक महंत का चोला पहनकर जो सिखों के खून से ननकाना साहिब की पवित्र मिट्टी को गंदा किया था, उसका अंजाम क्या हुआ था?

अगर नारायण दास की फांसी के तख्ते पर लटकी हुई लाश भूल गए हो तो याद कर लो और इस्लाम के नाम पर इस्लाम को ही गंदा मत करो। उसने लालच में गुरुद्वारा ननकाना साहिब की पवित्रा मिटी को खून से लाल किया तो भगवान ने उसे नरक की आग में सड़ाया। तुम तो अपने धर्म को बदनाम कर रहे हो और उसकी पवित्रता और इंसानियत को अपने कट्टरवाद के जूते के तले रौंद रहे हो। याद रखना तारीख तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी।

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