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क्या UP में टूटी हुई काँग्रेस के लिये संजीवनी साबित होंगी प्रियंका गाँधी?

सोनभद्र में लोगों से मिलते हुए प्रियंका गाँधी। फोटो साभार - प्रियंका गाँधी वाडरा फेसबुक पेज

नागरिकता कानून हो या यूपी का कोई घटनाक्रम। उत्तर प्रदेश मे काँग्रेस की महासचिव और दिग्गत नेता प्रियंका गाँधी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। प्रियंका की सक्रियता का आलम यह है कि यूपी राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा है।

रैली में जनता से मिलते हुए प्रियंका गाँधी। फोटो साभार – प्रियंका गाँधी वाडरा फेसबुक पेज

किसी भी मुद्दे पर प्रियंका गाँधी सड़क से लेकर सदन तक धरना देने में पीछे नहीं हैं। ऐसे में वर्षों से यूपी में बुरी तरह से टूट चुकी काँग्रेस के लिये एक संजीवनी की तरह प्रियंका उभर रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिये चुनौती बनती प्रियंका

प्रियंका की सक्रियता जहां काँग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह भर रहा है, वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिये प्रियंका चुनौती बनती जा रही हैं। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में काँग्रेस को मिली हार के बाद काँग्रेस धीरे-धीरे कमज़ोर होती चली गई। देश के कई राज्यों से काँग्रेस का सूपड़ा तक साफ हो गया। यही हाल उत्तर प्रदेश का भी रहा।

बिजनौर हिंसा में मारे गए युवकों के परिवार वालों को सांत्वना देती प्रियंका गाँधी। फोटो साभार – प्रियंका गाँधी वाडरा फेसबुक पेज

2017 के विधानसभा चुनाव में काँग्रेस बुरी तरह से चुनाव हारी। काँग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव तो लड़ा लेकिन जीती हुई सीटों में वह सपा के बराबर तक भी नहीं पहुंची। महज सात सीटें जीतने वाली काँग्रेस को यूपी में संतोष करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने प्रियंका गाँधी को चेहरे के रूप में उतारा। स्टार प्रचारक के तौर पर प्रियंका गाँधी ने काँग्रेस कार्यकर्ताओं को एक नया जोश और सूरज दिखाने का काम किया।

बिजनौर हिंसा में मारे गए युवकों के घर पहुंचीं प्रियंका गाँधी। फोटो साभार – प्रियंका गाँधी वाडरा फेसबुक पेज

यूपी में कब-कब हमलावर रहीं प्रियंका

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रियंका योगी सरकार पर पूरी तरह से हमलावर रहीं। लखनऊ की सड़कों पर प्रियंका गाँधी धरना प्रदर्शन तक करने से पीछे नहीं हटी।

प्रियंका गाँधी ने तीन दिन के प्रवास में बीजेपी और सरकार को जमकर कोसा। बिल के विरोध में घायल हुए लोगों से मिलने प्रियंका जब मेरठ जा रही थीं, तो उन्हें बॉर्डर से ही वापस कर दिया गया था। इसके बाद लखनऊ में पूर्व आईपीएस एस दारापुरी के परिजनों से मिलने से भी जब प्रियंका को रोका गया, तो वे पुलिस को चकमा देकर स्कूटी से ही निकल गई थीं। इससे पूर्व काँग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यालय पर भी उन्होने पूरी ताकत दिखाई थी।

अगस्त 2019 में सोनभद्र में हुए भारी नरसंहार के बाद प्रियंका परिजनों से मिलने गाँव पहुंच गईं। हालांकि उन्हें गाँव जाने की इजाज़त नहीं दी गई, तो वे वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गईं थीं। जिसके बाद यूपी में राजनीति तेज़ हो गई थी।

सोनभद्र में लोगों से मिलते हुए प्रियंका गाँधी। फोटो साभार – प्रियंका गाँधी वाडरा फेसबुक पेज

उन्नाव रेप केस मामले में प्रियंका सीधे रेप सर्वाइवर से मिलने उनके घर पहुंच गईं। यहीं पर उन्होंने फिर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों ले लिया।

भगवा पर तंज कसा, दुर्गा मंत्र ट्वीट किया

प्रियंका गाँधी ने सोमवार को यूपी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवा वस्त्रों पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भगवा आपकी (योगी आदित्यनाथ)ही पहचान नहीं है। यह हिंदुत्व की पहचान है और हिन्दू धर्म में बदले का कोई स्थान नहीं है। इसके बाद मंगलवार को उन्होने अपने ट्विटर हैण्डल से दुर्गा मंत्र भी ट्वीट किया।

यूपी में प्रियंका की तेज़ी और सक्रियता से काँग्रेस को जहां एक ओर ताकत मिलती दिख रही है, वहीं बीजेपी के लिये चिंता का सबब भी है। अब आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि प्रियंका की यह सक्रियता काँग्रेस को कितना फायदा पहुंचाती है।

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