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सिर्फ मोदी को कोसते रहेंगें तो कतई आप चुनाव नहीं जीत सकते

दिल्ली के चुनावों ने कुछ संदेश गढे हैं वो महत्वपूर्ण है और इसको सभी प्रदेश स्तर की पार्टियों को तो कम से कम सीखना ही चाहिए। बेशक यह भी महत्वपूर्ण है कि राज्य और केन्द्र के चुनावी मुद्दे अलग अलग होते हैं….
        सिर्फ मोदी या भाजपा को गाली देकर आप चुनाव नहीं जीत सकते। अपने चुनाव प्रचार के दौरान अगर आप सिर्फ मोदी-मोदी को कोसते रहेंगें तो अपनी बात कब करेंगें? और फिर जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत दिया है केन्द्र में, तो अगर आप उनको अपशब्द कहेंगें तो एक तरह से जनता के आदेशों की अवहेलना होगी और जनता के बीच एक गलत सदेश जायेगा कि असल में आपकी आइडियोलाॅजी क्या है? आपको सकारात्मक आलोचना करनी चाहिए यानी काम की आलोचना…..
     सिर्फ सामने वाले की आलोचना करके आप चुनाव में नहीं टिक सकते आपको अपनी सोच भी सामने रखनी होती है… यह पूरी तरह से एक मैनेजमेंट का सिस्टम है कि आप अगर कोई प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते तो कई लोगो को पूरा मास्टर प्लान समझाना पड़ता है। भाजपा के नेता इस चुनाव में सिर्फ केजरीवाल को गालियां बकते रहे, अपनी बात और अपना घोषणापत्र जनता के बीच पहुंचाने में एक तरह से नाकामयाब हो गये…… इससे उलट केजरीवाल ने सिर्फ अपने काम को सामने रखा।
   शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, घर यह सब आज भी धर्म और राष्ट्रवाद से कहीं ऊपर निकल जाते हैं। पाकिस्तान से केन्द्र सरकार को लड़ना है इसलिये वोटर को पता है कि वहां कौन परफेक्ट है जबकि राज्य सरकार से व्यक्ति बेसिक सुविधाओं की उम्मीद करता है एक गरीब का बेटा अगर किसी ऐसे स्कूल में जाता है जहां उनको प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएॅं फ्री में मिल रही है तो उसकी आंख में खुशी के आंसू निकल आते हैं…. यह एक तरह से भावनात्मक जुड़ाव तय करता है। जितने भी न्यूज चैनल्स दिल्ली की बस्तियों में गये वहां सबने केजरीवाल के शिक्षा की तारीफ की। इसलिये केजरीवाल लोगो की भावनाओं से जुड़ने वाले मुद्दे चुनाव में पकड़े रहे।
   केजरीवाल के पास पूरे चुनाव में एक समर्पित टीम तैनात रही। जिसने केजरीवाल के हर उस आदेश को पकड़ा जिससे पार्टी विवादों से दूर रहे। केजरीवाल का बेटा आईआईटी में है उन्होने आईआईटी दिल्ली के लड़कों को कैम्पेन में लगाया। वही लड़के जो कल आईएएस क्लियर करके प्रशासनिक सेवा में भी आ सकते है। उनके पास एक तीव्रगामी और आकर्षक सोच रही…. केजरीवाल की सोशल मीडिया को हैण्डल किया और आकर्षक चुनाव प्रचार तैयार किया। यानी केजरीवाल के चेहरे को एक एक आदमी तक पहुॅंचाने में कामयाब हो गये इसके इतर वह विवादों से पार्टी कैसे दूर रहे इसको लेकर भी सतर्क रहे यानी जैसे ही आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई गलत खबर सोशल मीडिया पर आई तुरंत उसको काउंटर किया जिससे पार्टी की छवि वोटर्स के बीच खराब न हो सके
 
ये मेरा व्यक्तिगत विश्लेषण है
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