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#Periodपाठ: जिला कलेक्टर के लिए पत्र

सेवा मे,

श्रीमान जिला कलेक्टर अजमेर

विषय – माहावारी की नियमिता से बड़ी स्कूल मे अनियमिता |

आदरनीय महोदय  जी जेसे की आपको पता होगा की शहर\गाव मे महिलाओ से जुड़ी निजी समस्या की गंभीरता को लेकर चिंतन मनन करे तो उसका समाधान हमको आसान ओर हमारे बीच ही देखने को मिलते है

मे शहर की रहने वाली महिला हू |शहरो मे भी वो ही हालत है जो की गाँव मे देखने को मिलता है |बस शहर मे कुछ लोग

पढ़े –लिखे है इस कारण थोड़ा कम होता है पर गाँवो मे स्कूल की लड़कियो ओर महिलाओ को काफी परेशानीयो का सामना करना पढ़ता है | 8 घंटो तक लगातार स्कूल मे लड़किया दरियो पर बेटती है |वहा फनीचर की सुविधा नहीं होती है | एसे मे लड़कियो को जमीन पर बेटना मुश्किल होती है | स्कूल टॉयलेट मे कही- कही पानी की सुविधा नहीं होती है ओर ना ही स्कूल से पेड दिये जाते है |ओर कही तो लड़कियो के लिए टॉयलेट भी सुरक्षित नहीं होते है |पेड  को बदलना हो तो भी उसे फेकने मे भी परेशानी होती है कहाँ फेके |एसे मे लड़कियो के लिए पानी दे पेड ओर पेड  को जलाने वाले मशीन होनी चाहिए हर स्कूल मे जहा लड़किया पड़ती है | महवारी से संबंधित कोई बात ही नहीं करना चाहाता है |

गाँवो मे माहावारी को लेकर कई गलत धारनाए फेली हुईं है |किसी लड़की को माहावारी ज्यादा होती है या लगातार होती है तो उसे बजाय चीकित्सक को दिखाने उसे झाड़ फुक वालो के पास ले जाते है |कहते है |चोराए पर पेर पढ़ने से ऐसा हो रहा है |ओर  उस  लड़कि मे खून की कमी लगातार होने के कारण वह कमजोर हो जाती है बीमारिया घेर लेती है|उन्हे चिकित्सक को दिखाना चाइए पर ऐसा नहीं होता है |कई बार तो बच्चियों की जान भी चली जाती है |इस समस्या के लिए लोगो को जागरूक करने की जरूरत है |इसके लिए भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा सर्वे किया जाना चाइए ओर उन्हे जागरूक करना चाइए टीबी ही यह धारनाए बदली जा सकती है माहावारी की समस्या के कारण कई लड़कीया उन दिनो स्कूल जाना नहीं चाहती है  ऐसे दिनो मे घरवाले भी बाहर जाने से माना करते है |ओर लड़कियो ली पढ़ाई भी छूट जाती है माता पिता दादा दादी कहते है की अब बढ़ी हो ज्ञी है ओर 8 वी टीके पढ़ा कर घर मे ही बैठा देते है |माहावारी को लेकर लोगो के मन मे अलग –अलग धरनाए बनी हुई है जिनके कारण महिलाओ को माहावारी के समय मंदिर मस्जिद मे जाना वर्जित माना जाता है| ओर रसोई  घर मे न जाने जेसे पाबंदिया लगा दी जाती है |माहावारी आना कुदरती परक्रिया है| लेकिन हमारे समाज मे इसको लेकर बात तक करना उचित नहीं मानते है  हमारी गाँव की महिलाओ से जुड़ी निजी समस्या की गंभीरता को लेकर चिंतन करे ओर साथ –साथ लोगो मे जागरूकता का होना अति आवश्यक है क्यूकी जब जनता प्रशासन मिलकर काम करे |तो लोग इसके लिए जागरूक होंगे |

धन्यवाद

मीनाक्षी पँवार

सोशल मोबिलइसेर

रूम टू  रीड, अजमेर

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