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दंगों की आग में जल रही दिल्ली के नाम एक नागरिक का खत

फोटो साभार- सोशल मीडिया

फोटो साभार- सोशल मीडिया

नमस्कार दिल्ली,

ऐसा कुछ नहीं लिखने वाल हूं कि उम्मीद करता हूं आप सुकशल होंगे। पिछले कुछ महीनों से आपके लोगों ने आपके साथ ऐसा वर्ताव किया है, जिससे सकुशलता की उम्मीद नज़र नहीं आती है। आपके उत्तर पूर्वी इलाके में बीते कुछ घंटो में जो हुआ, उसने पुरानी यादें ताज़ा कर दी हैं।

एक बिल ने कब लोगों को हिन्दू-मुस्लिम में बांट दिया, पता हीं नही चल रहा है। खैर, अब तो बहुत देर हो चुकी है। हमें बचपन से ही सिखाया गया है कि भारत एक शांतिप्रिय देश है। इन घटनाओं को देखकर लगता है कि गलत सिखाया गया है हमें।

दंगों की पाठशाला के अव्वल विद्यार्थी हैं कपिल मिश्रा, वारिस पठान, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर। दिल्ली, आपके अंदर इन्होंने बहुत जहर भरा है, जिसका खामियाज़ा भुगतना पड़ा हेड कॉन्सटेबल रतन लाल को। उनको तेज़ बुखार थी, फिर भी वह ड्यूटी करते रहे थे। सिर पर पत्थर लगी और वह शहीद हो गए। डीसीपी अमित शर्मा को कई घंटों बाद होश आया।

अखबार वाले लिखते हैं कि दो गुटों के झड़प में वह घायल हो गए। आप तो समझ गए होंगे कि वे गुट कौन से हैं? साथ ऑफिस जाते थे, साथ बच्चों को स्कूल छोड़ते थे, साथ फिल्में देखते थे और साथ क्रिकेट मैच देखते थे मगर आज दो गुटों में बंट गए। सो सैड दिल्ली!

आपको खत लिखते हुए साहिर लुधियानवी बहुत याद आए। फिल्म ‘धूल के फूल’ के लिए उन्होंने लिखा,

तू हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा।

आज रात को प्राइम टाइम पर जब न्यूज़ एंकर खून पीकर लोगों को गुटों में बांट रहे होंगे, तब सारे चैनल्स पर यह गाना चलाना चाहिए। इंसानों की लाशों के कफन बेचने वाले राजनेता एसी कमरों में चुप्पी ओढ़े अब तक एक-दूसरे पर आरोप लगाकर अच्छी नींद ले रहे हैं। इधर मरने वालों की संख्या 10 और घायलों की संख्या 135 हो चुकी हैं।

दिल्ली, राम भक्त गोपाल और शाहरुख (DDLJ वाला नहीं) दोनों ने सरेआम गोलियां चलाकर आपका बहुत अपमान किया है। कानून की जमकर ऐसी-की-तैसी की! गोली चलती रही और पुलिस देखती रही। बहुत अफसोस हुआ यह देखकर! ये उसी “नफरती विद्यालय” के उत्तीर्ण छात्र हैं, जिनका सपना कुछ लोग देख रहे हैं।

इनको अन्दर के उपजे खट्टापन को दिवाली में मिठाइयां, ईद में सेवइयां खिलाकर कम करने की ज़रूरत है। दिल्ली, आप अपने नागरिकों से आग्रह करें कि अगले ईद और दिवाली में इनके घरों में भर भरकर मिठाइयां और सेवइयां भेजें।

दिल्ली, नफरती विद्यालय के ऐसे छात्रों को चिन्हित कर इनका मुंह मीठा करवाएं, ताकि सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, चांदपुरा, भजनपुरा और गोकुलपुरी जैसे अन्य इलाकों की सुन्दर तस्वीरें डोनाल्ड और मेलानिया ट्रम्प ट्विटर पर साझा कर दोबारा लिख सके,

हम भारत आने के लिए तत्पर हैं। हम रास्ते में हैं, कुछ ही घंटों में हम सबसे मिलेंगे।

साउथ दिल्ली से ही नहीं, बल्कि कुछ किलोमीटर दूर नार्थ -ईस्ट दिल्ली के लिए भी यह खत है।

सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्ता हमारा….

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