तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोए नहीं,
गर्व इतना था कि देर तक रोए नहीं।
ये शब्द सीआरपीएफ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए गए हैं।
“तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं।
गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।”WE DID NOT FORGET, WE DID NOT FORGIVE: We salute our brothers who sacrificed their lives in the service of the nation in Pulwama. Indebted, we stand with the families of our valiant martyrs. pic.twitter.com/GfzzLuTl7R
— ??CRPF?? (@crpfindia) February 13, 2020
इन्हीं शब्दों से सीआरपीएफ ने अपने जवानों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है, जिन्होंने आज ही के दिन अपने प्राणों की आहूति दी थी। इसी को आगे बढ़ाते हुए कुछ अपने शब्द जोड़ना चाहूंगा,
कोई बात होती तो भूल भी सकते थे,
जज़्बातों को भूलना हमारे बस में नही।
जब कभी भी भारतीय जवानों की वीरगाथाओं का स्मरण किया जाएगा, तब निश्चित रूप से पुलवामा हमले के शहीदों का नाम बड़े फक्र से लिया जाएगा।
14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ काफिले पर नृशंस हमले को हुए आज एक साल बीत गया है। लेकिन देश के नागरिक आतंकियों के इस कृत्य को भूले नहीं हैं। सब लोग पुलवामा के शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहें हैं।
पिछले साल दुख कि घड़ी में भी सीआरपीएफ के हौसले बिल्कुल भी नहीं डिगे थे। पुलवामा आतंकी हमले में अपने जवानों को खोने के बाद सीआरपीएफ ने भी अपने इरादे ज़ाहिर करते हुए कहा था, “भूलेंगे नहीं, हम माफ भी नहीं करेंगे।”
आज ही के दिन शहीद हुए हमारे वीर जवान
पिछले साल आज ही के दिन चरमपंथी संगठन जैश- ए- मोहम्मद ने जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के जवानों के काफिले को निशाना बनाते हुए एक विस्फोट से भरी कार को सीआरपीएफ की बस से भिड़ा दिया था, जिसमें 40 से ज़्यादा जवान मौके पर ही शहीद ही गए थे।
आंतकियों के इस कायराना हमले में लगभग 46 जवान शहीद हो गए थे और 40 से ज़्यादा जवान घायल भी हुए थे।
सीआरपीएफ की जिस बस में विस्फोट से भरी कार ने सामने से टक्कर मारी थी, उसमें 300 किलोग्राम विस्फोटक था। धमाका इतना तेज़ हुआ था कि हर तरफ सड़क पर खून फैला हुआ था।
आतंकियों के इस हमले के बाद देशभर में आतंक के खिलाफ एक स्वर में आवाज़ें उठीं। देश की तमाम पार्टियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारत सरकार के साथ विषम परिस्थितियों में खड़ी नजर आईं थीं।
आज सीआरपीएफ जवानों की पहली बरसी पर पुलवामा स्थित लेठापोरा में शहीद स्मारक का उद्घाटन किया जाएगा। इस स्मारक में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के नाम के साथ उनकी तस्वीरें भी होंगी और सीआरपीएफ का ध्येय वाक्य सेवा और निष्ठा’ भी अंकित होगा।