2020 के विधानसभा बोर्ड एग्ज़ाम का रिपोर्ट कार्ड आ गया है। जिसमें एक तरफ जहां अरविंद केजरीवाल ने 88% वोट प्राप्त कर पूरी दिल्ली टॉप कर ली है, तो वहीं नरेंद्र मोदी ने भी पहले से थोड़ा इंप्रूवमेंट करने की कोशिश की है। लेकिन अफसोस की सोनिया गाँधी इस बार भी फेल हो गई हैं।
इससे पहले भी केजरीवाल दिल्ली में टॉप कर चुके हैं। केजरीवाल ने लगातार दूसरी बार दिल्ली में टॉप किया है। इसके लिए उन्होंने दिल्ली वालों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा,
अगर आप ना होते, तो मैं इतना अच्छा स्कोर कभी नहीं कर पाता, इस प्यार को बनाये रखने के लिए आई लव यू।
साथ ही उन्होंने दिल्ली की राजनीति को “काम की राजनीति” भी बताया।
इस बार का रिपोर्ट कार्ड
इस बार के रिपोर्ट कार्ड में भाजपा को आठ अंक मिले। जो पिछली बार के अंकों से पांच ज़्यादा हैं। मनोज तिवारी ने खुद को इसका ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि हमसे जनता के साथ संवाद बैठाने में कमी रही। केजरीवाल के दिल्ली टॉप करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको बधाई दी और कहा कि वे दिल्ली वालों की उम्मीदों को पूरा करें।
लगातार दूसरी बार 88% या उससे ज्यादा सीटें जीतते हुए आप पार्टी देश की पहली ऐसी पार्टी बन गई, जिसने ऐसा कारनाम किया हो। एक तरफ जहां केजरीवाल की ये जीत चुनावी इतिहास की सातवीं सबसे बड़ी जीत रही, तो वहीं काँग्रेस ने एक बार फिर खाता ना खोल पाने का नया रिकॉर्ड बनाया।
66 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद इस बार भी काँग्रेस शून्य पर ही रही। इस बार उसका एक भी उम्मीवार दूसरे नंबर पर भी नहीं आ सका।
इन चुनावों को जीतने के लिए केजरीवाल ने भी वही ट्रिक अपनाई जो कुछ महीने पहले भाजपा ने लोकसभा चुनावों में अपनाई थी। जिस तरह 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने देश की जनता को यह दिखाने की कोशिश की, कि नरेंद्र मोदी के अलावा देश में अन्य कोई विकल्प नहीं है।
ठीक उसी तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने दिल्ली की जनता को यह दिखाने की कोशिश की, कि केजरीवाल के अलावा दिल्ली में कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जिसका फायेदा उनकी पार्टी को मिला। जिसके बाद अब केजरीवाल को भी इस बात पर ध्यान देना होगा कि “जिस तरह से जनता ने एक बार फिर उनको अपनी दिल्ली माना है, वैसे वो भी जनता को अपना दिल समझे।”