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IPCC के पूर्व चेयरमैन और पर्यावरणविद आर.के. पचौरी का निधन

डॉ. आर के पचौरी

डॉ. आर के पचौरी

पर्यावरणविद और द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (टेरी) आर के पचौरी का आज शुक्रवार को निधन हो गया। इस बात की सूचना टेरी के महानिदेशक अजय माथुर ने दी। पचौरी की उम्र 79 वर्ष थी, जो हृदय की बीमारी से ग्रसित थे और गत मंगलवार से लाइफ सपोर्ट पर थे। वह दिल्ली के एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती थे।

टेरी के महानिदेशक अजय माथुर ने एक बयान में कहा, “डॉक्‍टर पचौरी ने टेरी को एक प्रतिष्‍ठि‍त संस्‍थान बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज यह संस्थान जहां पर है, वहां पहुंचाने में उनका अहम योगदान है।

पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी हुए थे सम्मानित

डॉ. आर के पचौरी। फोटो साभार- सोशल मीडिया

पचौरी 2002 से 2015 तक इंटर गर्वमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) के अध्यक्ष रहे थे। उनके कार्यकाल में IPCC को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पर्यावरण के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार की ओर से 2001 में पद्म भूषण तथा 2008 में पद्म विभूषण से  सम्मानित किया गया।

पचौरी का जन्म 20 अगस्त 1940 को नैनीताल में हुआ था। उन्होंने बिहार में स्थित इंडियन रेलवे ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई की थी। इसके बाद पचौरी ने अमेरिका में औद्योगिक अभियांत्रिकी की पढ़ाई की तथा अर्थशास्त्र में पीएचडी की।

पचौरी पश्चिमी वर्जीनिया विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ मिनरल एंड एनर्जी रिसोर्सेज़ में संसाधन अर्थशास्त्र में विज़िटिंग प्रोफेसर थे। 1982 में उन्होंने टेरी के निदेशक का पद संभाला और 2001 में इसके महानिदेशक बने।

पचौरी विवादों में भी रहे। 2015 में उनकी पूर्व महिला सहयोगी ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जो कि गंभीर थे। इन आरोपों की वजह से पचौरी को टेरी के महानिदेशक पद से इस्तीफा देना पड़ा।

पचौरी का जन्म 20 अगस्त 1940 को नैनीताल में हुआ था। पचौरी पर उनकी एक पूर्व महिला सहयोगी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्होंने टेरी के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।

नोट: विष्णु Youth Ki Awaaz इंटर्नशिप प्रोग्राम जनवरी-मार्च 2020 का हिस्सा हैं।

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