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“गार्गी कॉलेज पर सरकार का ठंडा रवैया नारी सुरक्षा पर उनकी असंवेदनशीलता दिखाता है”

गार्गी कॉलेज

गार्गी कॉलेज

सलाम है गार्गी कॉलेज की छात्राओं को, जो इस संवेदनहीन समाज से बिना अपेक्षा किए अपने सम्मान, अपनी अस्मिता की लड़ाई खुद लड़ रही हैं। गार्गी कॉलेज में जो हुआ उसको शब्दों में बयां नहीं कर सकता, जिन लोगों ने कॉलेज में घुसकर शर्मनाक हरकत की है, या तो वे लोग इस धरती के नहीं हैं, या फिर जो ये सब देखकर चुप हैं, वे इस धरती के नहीं हैं।

आए दिन महिलाओं के साथ, उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ होता है। यह सब देखकर मुझे सितंबर 2019 में गृहमंत्री माननीय अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर संदेश होता है कि वह बयान उन्होंने ही दिया था या कोई अलग लोक से आया था वह बयान

अगर किसी महिला के सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध आवश्यक है, तो इसे ज़रूर लड़ा जाना चाहिए, भले ही युद्ध विनाशकारी ही क्यों ना हो। जब एक महिला का सम्मान खो जाता है, तो राज्य खो जाता है, संस्कृति खो जाती है, इसलिए यदि किसी महिला के सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध आवश्यक है, तो उसे लड़ना चाहिए।

तो महोदय मैं पूछना चाहता हूं कि जो JNU, गार्गी, जामिया में लड़कियों के साथ नकाबपोश गुंडों ने हरकत की है, वो उन लड़कियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं है क्या? उनका सम्मान नहीं खोया क्या? अगर उनके सम्मान से खिलवाड़ हुआ तो अब तक इन लड़कियों के सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध स्तर पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है? क्या इन सबसे हमारी संस्कृति पर धब्बा नहीं लग रहा है।

नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, अगर आपके बच्चों के साथ ऐसा हो जाए तो आप मिनटों में कार्रवाई कर देंगे। आपका कुत्ता भी खो जाता है तो आप पूरा पुलिस प्रशासन उसकी खोज में लगा देते हैं। साहब यहां तो हमारी बहन-बेटियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है, फिर भी आप कुम्भकर्ण की नींद सोए हुए हैं।

जिन मानवरूपी नर पिशाचों ने गार्गी कॉलेज में कृत्य किया, उसके बाद भी हमारा मीडिया चुप्पी साधे रहा। गुंडों के एक समूह ने देश की राजधानी के एक कॉलेज में घुसकर जय श्री राम के नारे लगाकर नैतिक पराक्रम का जैसा खेल खेला है।

गार्गी कॉलेज

मीडिया की इस घटना पर चुप्पी के लिए धन्यवाद कि मीडिया भारत-पाकिस्तान के मामले में हिन्दू-मुसलमान पर शानदार कवरेज कर रहा है, क्योंकि गार्गी कॉलेज में जो हुआ वह हिन्दू मुस्लिम से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। विपक्ष भी नदारद है, वह सरकार से CAA, NRC पर ज़बरदस्त सवाल जवाब कर रहा है, उनके लिए भी गार्गी कॉलेज बहुत छोटी घटना है और साहब समाज की तो बात कीजिए ही मत, समाज सरकार और विपक्ष की भक्ति में इनता लीन है कि उनके लिए वही सबकुछ है।

बहनों अब किसी से उम्मीद मत करना सुरक्षा की, क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जयकारे लगाकर यदि कोई मर्यादा ही भूल जाए तो किससे उम्मीद की जाए? विश्वगुरु भारत में लोकपाल पर आंदोलन, कालेधन पर आंदोलन और CAA, NRC ही अहम मुद्दा है, आपकी सुरक्षा उनके लिए अहम नहीं है।

यकीन मानिए यदि इन नर पिशाचों के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई गई, तो अपने बच्चों से आंख मिलाने की हिम्मत नहीं हो पाएगी। बहनों यदि बदलाव लाना चाहती हो तो इस समाज से साथ आने की आशा छोड़ दीजिए और आगे बढ़िए, अपने-अपने प्रतिनिधियों से सवाल कीजिए। एकजुट हो जाइए, क्योंकि आपकी सुरक्षा के लिए आपको खुद लड़ना होगा। अब किसी से अपेक्षा रखना बेकार है। हो जाइए एकजुट, यह देश आपका है।

आया समय
उठो तुम नारी
युग निर्माण तुम्हें करना है
आज़ादी की खुदी नींव में
तुम्हें प्रगति पत्थर भरना है
अपने को
कमज़ोर ना समझो
जननी हो संपूर्ण जगत की
 गौरव हो
अपनी संस्कृति की
आहट हो स्वर्णिम आगत की
तुम्हें नया इतिहास देश का
अपने कर्मों से रचना है।

 

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