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क्या कोरोना वायरस जैसी हेल्थ इमरजेंसी के लिए हमारा सिस्टम तैयार है?

हम सब जानते हैं कि हमारे देश में पब्लिक हेल्थ केयर का क्या हाल है? अभी आपने गुजरात और राजस्थान से आई खबरें पढ़ी होंगी और AIMS के बाहर फ्लाई-ओवर के नीचे रहने के लिए मजबूर लोगों को इलाज के लिए आये हुए भी आपने देखा ही होगा |

बिहार के सरकारी अस्पताल में बारिश के दिनों में कैसा हाल हुआ था, यह भी आप जानते ही हैं। यह तो बस कुछ ही उदाहरण है। यही हाल हमारे देश के कई अन्य अस्पतालों का भी है। बस उनकी खबर आप तक नहीं आती  और आएगी भी कैसे? हमारा मीडिया तो दिन रात हिन्दू मुस्लिम करता रहता है।

कोटा का अस्पताल

हेल्थकेयर आज भी हमारी प्राथमिकता नहीं है

आज भी ‘हेल्थकेयर’ चुनाव जीतने के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। जो चुनाव जीतने के लिए ज़रूरी मुद्दे हैं, वो तो आप जानते ही हैं। यहां मैं उनका ज़िक्र भी नहीं करना चाहता।

हमारे देश में बहुत लोगों को जीते जी अच्छा इलाज मिलना मुश्किल है और मरने के बाद एम्बुलेंस मिलना भी।

कुपोषण भी एक बहुत बड़ी समस्या है और आज़ादी के 70 साल बाद भी हमारे देश के हालात सुधर नहीं रहे हैं। लेकिन हमें तो देश के पहले प्रधानमंत्री कौन होने चाहिए थे? और जो थे वे कैसे गलत थे? उसपर डिबेट करने में रुचि है।

ये सब बताने के पीछे मेरा मकसद यही है कि हेल्थ केयर हमारी प्राथमिकता है ही नहीं और हमारी सरकार भी इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है। अभी जब कोरोना वायरस के बारे में सुना और खबरें देखी कि केरल में 3 लोग कोरोना वायरस की जकड़ में आ चुके हैं, तो मैं थोड़ा सोच में पड़ गया।

अगर कोरोना वायरस देश में फैल गया तो?

एक बार खुद सोचिए, अगर यह कोरोना वायरस हमारे देश में फैल जाता है (उम्मीद करता हूं कि ऐसा हमारे देश में ना हो) तो क्या हमारा सिस्टम इससे लड़ने के लिए तैयार है?

यह सवाल आज ही पूछना ज़रूरी है और इससे लड़ने की तैयारी भी हमें आज से ही करनी चाहिए। कोरोना वायरस के बारे में आपको विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ऑफिशियल वेबसाइट पर जानकारी मिल सकती है। आपको बता दें कि WHO ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर लिया है।

कोरोना वायरस के बारे में जानने के लिए WHO को वीडियो देखें

इस हेल्थ इमरजेंसी से कैसे निपटा जाए?

डॉ हर्षवर्धन जी आपकी ज़रूरत दिल्ली चुनावों में पार्टी प्रचारक से ज़्यादा हेल्थ मिनिस्टर के तौर पर है। एक बात अच्छी है कि आज देश के हेल्थ मिनिस्टर एक डॉक्टर हैं और इन्हें पोलियो मुहिम की सफलता के लिए भी जाना जाता है।

मैं इन्हें आज निवेदन करता हूं कि आप दिल्ली के विधानसभा प्रचार में व्यस्त ना रहें और हेल्थ मिनिस्ट्री में ध्यान दें। यह कोशिश करें कि कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए क्या इंतजाम कर सकते हैं।

WHO के मुताबिक अभी इस कोरोना वायरस का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है और प्रिवेंशन यानी कि रोकथाम ही एक मात्र उपाय है। लोगों में जागरूकता लाना ज़रूरी है, मेडिकल स्टाफ को ऐसी हेल्थ इमरजेंसी का सामना करने के लिए ट्रेनिंग ज़रूरी है।

अगर यह वायरस हमारे देश में फैल जाता है तो परिस्थिति को नियंत्रण में लाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए यह ना फैले इसके बारे में सोचने की और तुरंत ज़रूरी कदम उठाने की ज़रूरत है।

बजट में होनी चाहिए थी बात

निर्मला सीतारमण जी को अपने यूनियन बजट में कोरोना वायरस हेल्थ इमरजेंसी के लिए फंड्स आवंटित करने की ज़रूरत थी। इससे ऐसा लगता कि हम इस कोरोना वायरस को लेकर गंभीर हैं और इससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं।

ऐसी परिस्थिति में केंद्र और राज्य सरकारों में तालमेल बहुत ज़रूरी है। केरला सरकार ने कोरोना वायरस को ‘स्टेट डिज़ास्टर’ घोषित किया है और इससे निपटने के लिए उनकी तैयारी भी दिख रही है।

ऐसी हेल्थ इमरजेंसी से निपटने के लिए क्या चुनौतियां है?

बुनियादी सुरक्षात्मक उपाय (World Health Organization) यहां पढ़ें।

 

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