सेवा मे ,
मेडिकल ऑफिसर महोदय
विषय –गाँव मे महिलाओ व किशोरियों मे शरीर की स्वछ्ता के महत्व के लिए जागरूक ,व पोष्टिक आहार हेतु \कार्यक्रम चलाने के विषय मे |
महोदय ,
नम्र निवेदन है की गाँव मे महिलाओ के अंदर शरीर की स्व स्वछ्ता को लेकर जागरूकता नहीं है ,खासकर माहावारी के समय ,क्यूकी वह स्वछ कपड़ा व सेनेटरी पेड उपयोग मे नहीं लेती है जबकि कुछ किशोरियों को स्कूल व जीवन कोशल सत्र मे इसके बारे मे बताया जाता है लेकिन इससे भी ज्यादातर महिलाओ मे जागरूकता नहाई है क्यूकी महिलाए ऐसी धारणाओ से बंधी है जो उन्हे स्व्छ्ता की ओर नहीं बढ़ने देती है ओर न ही वह माहावारी के समय चलने वाली पर्म्प्रओ का सामना कर पाती है महिलाए आंगनबाड़ी मे मिलने वाली सेनेटरी पेड(6रु) भी नहीं खरीद पाती क्यूकी कुछ महिलाओ के पास इसे खरीदने के पेसे नहीं है , ओर कुछ धारणाओ मे बंधी है जेसे –माहावारी के समय स्नाननहीं करना खट्टी चीजे नहीं खाना भूखे रहना जमीन पर सोना आदि |जिससे महिलाओ मे कई त्राह के इन्फेकशन व बीमारिया लगने का ख़तरा बना रहता है इसके अलावा उनके खान –पान मे पोशतिकता की कमी के कारण उनके शरीर मे कमजोरी आ जाती है |आपसे निवेदन है की आप गाँव व सरकारी स्कूल ,केन्द्रो मे कुछ ऐसे केंप या शिविर लगाए जिससे महिलाओ व ग्रामवासीयो मे जागरूकता आए जागरूकता को लेकर यह कारी सरकारी टिचर्स व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ए एन एम व कुछ जीमेदार लोगो कॉम दिया जा सके जिससे माहावारी के समय स्वछ्ता व खान –पान के महत्व को लेकर नागरिक जागरूक हो सके |
भवदीया –
धर्मिता चौहान
सोशल मोबेलाइजर (बालिका शिक्षा कार्यक्रम )
रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट