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“मेरी गरीबी और बेरोज़गारी ने मेरे प्यार की बली ले ली।”

जल की एक बूंद जैसे सागर में विलीन हो जाती है और उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है, वैसे ही प्यार में हमें खुद को प्यार के साथ उसी में विलीन करना होता है। मेरे ख्याल से यही प्यार/प्रेम है।

कहने को भले ही मैं आप इंडिया में रहते हो, लेकिन यहां तो प्यार जाति, धर्म, अमीरी एवं गरीबी पर निर्भर करता है। अगर आपने महसूस किया तो जाति, धर्म, अमीरी एवं गरीबी आपके बीच आएगी।

गरीबी के साथ मेरी बेरोज़गारी ने मेरा प्यार छीना

मेरे प्यार के बीच मेरी गरीबी आई। उनके परिवार के अमीरी के नीचे प्यार दबा। ऐसा नहीं है  कि मैं गरीब हूं। मेरे पास खाने को अन्न, रहने को घर एवं पहनने को वस्त्र नहीं है। सब कुछ अच्छा है और रहा है, लेकिन समाज में उनके परिवार की तरह दिखाने के लिए दिखावापन नहीं था।

लोग भी कहते हैं और मैं भी कहता हूं कि प्यार में बहुत ताकत होती है। उनके परिवार ने मेरे बारे में जानकारी इकट्ठा की और मेरे कमज़ोर अंग को हथियार बनाया। मुझे और उनको लगा कि हम जीत रहे हैं लेकिन मेरी गरीबी के साथ मेरी बेरोज़गारी ने मेरे प्यार की बली ले ली। क्योंकि मैं बेरोज़गार था। लेकिन रोज़गार प्राप्त करने को प्रयासरत था।

उनके परिवार को नौकरी करने वाला लड़का चाहिए था और आज जब अच्छा रोज़गार है, अच्छी खासी समाज मे इज़्ज़त भी बनी है, तो आज मेरा प्यार मुझसे काफी दूर है, जिसे मैं इस जन्म में जीवनसाथी तो नहीं बना पाया। इसका मलाल, दुख मुझे और उन्हें भी है।

प्यार का अहसास अपनों तक पहुंच ही जाता है

इसलिए कहता हूं कि अपने प्यार का वर्णन या बखान कभी भी किसी के सामने नहीं करना चाहिए। यहां तक कि अपनी प्रेमिका से भी नही, क्योंकि ये जो आपकी आंखे हैं, वह दिखा देती है।

ये जो आपके मुख हैं, वह सुना देती है और सबसे महत्वपूर्ण आपकी एक दूसरे से निकटता आपको एवं उनको महसूस करा देती है, क्योंकि प्यार को महसूस ही किया जा सकता है, जो किसी ना किसी रूप, शब्द, आंसू, स्नेह एवं अपनापन के रूप में दिख ही जाता है।

प्रेम का मतलब सिर्फ पाना ही नहीं होता है। जीवन के पड़ाव में आप खुश, तो आपका प्यार खुश और अगर आपका प्यार खुश तो आप भी खुश।

एक प्रेमी

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