आज पर्यावरण प्रदूषण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पर्यावरण बचाने की मुहिम के बीच तमाम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लोगों के अंदर जागरूकता लाने की मुहिम चल रही है।
इसी बीच असम की एक महिला धावक पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हुए पैदल ही निकल पड़ी हैं। वह दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति से मिलना चाहती हैं और पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए अपनी कई मांगों पर काम करवाना चाहती हैं।
क्या है मामला
असम के ज़िला सोराईदेव के लाइसेन गॉंव की रहने वाली महिला धावक निजरा फुरकान ने प्रकृति को बचाने के लिए 2250 किमी की पदयात्रा शुरू की है। वह शनिवार को उत्तर प्रदेश के सीतापुर पहुंच गईं। निजरा फुरकान JNU से PhD कर रही हैं।
निजोरा, दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति से मिलना चाहती हैं, ताकि पर्यावरण संरक्षण की ओर उनका ध्यान खींच सके। सीतापुर पहुंचने पर उन्हें सुरक्षा के साथ जनपद की सीमा पार कराई गई।
क्या कहती हैं निजोरा फुरकान
सीतापुर के एक दैनिक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में निजोरा ने बताया,
प्रकृति रहेगी तभी पृथ्वी बचेगी। आज की ज़हरीली हवा पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
निजरा फुरकान की 8 सूत्रीय मांगें हैं,
- देश में प्रकृति अधिकार कानून लागू करना,
- जैव विविधता पर पूर्वांचल में परिवेश विश्वविद्यालय स्थापना करना,
- परिवेश सुरक्षा के लिए केन्द्रीय परिवेश सुरक्षा बल नामक सुरक्षा वाहिनी का गठन करना,
- प्रति महीने सरकारी-गैर सरकारी प्रतिष्ठानों में पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रवर्तन का काम करना,
- पाॅलीथीन उत्पाद बंद करना,
- सामग्री निर्माण प्रक्रिया में लकड़ियों के उत्पादन की विशेष नीति बनाना,
- वन्य जीव, वन संपदा का अवैध कारोबार बंद करना तथा
- असम को जलवायु संकट से उबारना आदि मांगें शामिल हैं।
निजोरा बताती हैं कि सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए।