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“प्रवेश साहब मैं आपका वोटर हूं और इस खत में मेरे पास आपके लिए कुछ सवाल हैं”

सेवा में,

माननीय सांसद 

प्रवेश साहिब सिंह वर्मा

पश्चिमी दिल्ली

महोदय,

आपका हालिया साक्षात्कार देखा। शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों पर आपकी टिप्पणी इससे बेहतर समय में नहीं आ सकती थी। दिल्ली विधानसभा चुनावों के चलते आपका बयान महत्वपूर्ण है। तीन विधायकों और सात सांसदों वाली भाजपा यानी आप की पार्टी की तरफ से आप समेत इन जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गए किसी काम का ब्यौरा ना होने की स्थिति में कुछ तो मुद्दा होना ही था।

2019 के आम चुनावों में आपका प्रचार याद है मुझे, आपके हर बैनर-होर्डिंग में मोदी जी की तस्वीर और उनके साथ चलने का आह्वान, जिसमें पाकिस्तान और राष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेष ज़ोर था। उस वक्त और आज की स्थिति में कोई खास फर्क नज़र नहीं आता। सिवाए इसके कि उस वक्त दुश्मन बाहरी था और इस वक्त आप एक आंतरिक दुश्मन का हौआ खड़ा कर रहे हैं।

क्या यह कोई नई बात है, नहीं, हिंदुत्व की राजनीति का मूल आधार यही है परंतु विडंबना ये है कि आप ही के सर्वोच्च नेता ने पहले “सबका साथ, सबका विकास” और फिर “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” जैसे नारे दिए। इन्हीं नारों की छांव में चुनाव लड़ते लड़ते और राजनीति करते आप ही यह कह रहे थे कि “दिल्ली में सरकारी ज़मीन पर सिर्फ मस्जिदें बन रही हैं, जिन्हें गिराया जाए।” हालांकि ये दावे दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की कमिटी की रिपोर्ट में झूठे पाए गए।  

आपका ताज़ा बयान उस कड़ी का एक हिस्सा है जिसमें “सबका साथ सबका विकास/विश्वास” अब रिफाइन होता नज़र आ रहा है। अब यह साफ हो रहा है कि किसका साथ और किसका विकास था जिसका नारा दिया गया था।

शाहीन बाग में प्रदर्शन का चरित्र और प्रदर्शनकारियों के कृत्यों को मैं एक से अधिक बार जाकर खुद देख चुका हूं और इस संबंध में आपकी टिप्पणी के बाद कुछ सवाल हैं जिनका जवाब आपको देना चाहिए-

  1. शाहीनबाग में प्रदर्शनकारी संविधान और उसकी उद्देशिका पढ़ते हैं। यदि वे रेपिस्ट और दंगाई हैं तो मेरे प्रधानमंत्री भी संविधान पर माथा टेकते हैं तो मुमकिन है वे भी कुछ होंगे, रेपिस्ट हैं, दंगाई हैं या दोनों ये आप बताएं?
  2. शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी यदि उनके धर्म की वजह से रेपिस्ट और दंगाई हैं तो उसी धर्म के चंद नेता आपकी पार्टी में भी हैं। क्या वे भी दंगाई और रेपिस्ट हैं? कृपया स्पष्ट करें।
  3. यदि दिल्ली में भाजपा की सरकार न बने तो क्या देश की केंद्र सरकार दिल्लीवासियों की इस कारण से उपेक्षा करेगी कि उन्होंने दिल्ली के लिये किसी और पार्टी को चुना? क्या सांसद-मंत्री बनते समय ली जाने वाली शपथ इतनी अर्थहीन है बताएं?
  4. शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं, तिरंगा हाथों में उठाये हैं, अगर ये देश के साथ गद्दारी है तो देशभक्ति के ध्वज का रंग कौन सा है, कृपया बताएं?

दिल्ली चुनावों में आप ही अकेले ऐसी टिप्पणी कर रहे हों, ऐसा नहीं है क्योंकि आपकी पार्टी इसे रणनीति बनाकर खेल रही है। खुद गृहमंत्री शाहीन बाग को करेंट लगाने की बात कर चुके हैं? एक और केंद्रीय मंत्री “देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को” का नारा खुले मंच से लगवा चुके हैं, इसलिए मेरे सवाल ना सिर्फ आपसे हैं बल्कि इन सबसे हैं, कृपया जवाब दें। 

आपके संसदीय क्षेत्र का निवासी

ललित

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