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“मेरे शरीर में क्यों हो रहे हैं बदलाव? कोई तो बताओ”

अज़ादी के 71 वर्ष पश्चात जब हम अपनी लगन और मेहनत के दम पर मंगल तक पहुंच गए हैं। किन्तु कतार मे खड़ा आखिरी व्यक्ति आज भी सुविधाओ से वंचित है। लगभग 70% साक्षरता होन के पश्चात भी हम आज भी यौन स्वास्थ्य एवं शिक्षा से अछूते हैं। परिणामस्वरूप स्वास्थ्य आज एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। जिसका प्रमुख कारण है इसके विषय में बात नी करना।

वैसे तो हम प्रत्येक क्षेत्र मे आधुनिकता  को प्रथम स्थान देते हैं। किन्तु यौन प्रजनन-सम्बंधित विषयों पर समुदाय मे बात करने से हिचकिचाते हैं। हम प्रजनन अंगों के विषय मे बात करते हुए ऐसे संकोच करते हैं जैसे ये हमारे शरीर के अंग ही नी हो। जिसके परिणाम स्वरूप हमारे समाज को यौन जनित बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

सीतापुर गाँव में हमारा यौन शिक्षा जागरूकता अभियान

किशोर- किशोरियों से इस विषय पर बात करने के उद्देश्य से Aim to sustain की टीम सीतापुर ज़िले के एक गाँव मे गई। हमारे जाने का उद्देश्य गाँव के किशोर-किशोरियों को यौन प्रजनन स्वास्थ्य एवं शारीरिक अधिकार तथा व्यापक यौनिकता शिक्षा के विषय मे जागरूक करना था।

व्याख्यान के प्रारंभ में तो सभी आश्चर्यचकित थे कि ये लोग क्या बता रहे हैं। शायद यह विषय एक सामूहिक बैठक के लिए उनके अनुसार नया था। लिंग योनि अंडकोष इसके विषय मे पहले उनमे से किसी ने भी ऐसे समूह मे बात नही की थी। किन्तु जैसे- जैसे हम व्याख्यान को आगे बढ़ाते गए, वह हमसे जुड़ते गए  और अब सब हमारी बता को एकाग्रता से सुन रहे थे।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हमसे खुलकर पूछे गए सवाल

व्याख्यान के मध्यम मे हमने अनुभव किया कि अब भी एक लड़का असमंजस मे बैठा हुआ था जिसकी उम्र करीबन 13 या 14 साल थी। वह बार- बार एक दूसरे लड़के की तरफ देख रहा था और शरमा रहा था ।

आखिरकार अंत में हमने उसकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए उनसे बात करने की कोशिश की। बातचीत के कुछ अंश।

टीम- आपका क्या नाम है?
लड़का- सर जी, मेरा नाम रवि है।
टीम- आप की तबीयत ठीक है? आप बड़े परेशान और असमंजस मे लग रहे हो ?
लडका- जी हां सर।
टीम- हमने जो भी बात की है उसमे ऐसा कुछ जिसको सुनकर तमको शर्म आ रही है। अब भी वह बार-बार दूसरे लड़के की तरफ ही देख रहा था ।

बात करते वक्त हम को पता चला की जिस लड़के को रवि बार बार देख रहा था वह रवि का बड़ा भाई था और वह ही उसके शर्माने का कारण भी था। काफी प्रयास के पश्चात रवि ने बताया,

सर, आपने जो भी शारीरिक बदलाव के बारे मे बताया, वो सब मेरे साथ हो रहा है पर क्यों हो रहा है मै नहीं जानता, जिसकी वजह से मैं परेशान रहता हूं। मै ये सब घर पर नहीं पूछ सकता, मैंने अपने दोस्तों से इन बदलाव के विषय मे पूछा परन्तु उनको भी कुछ नहीं पता है। दोस्त कहते हैं कि उनमे भी ये बदलाव हो रहे हैं पर किसी को इसका कारण नहीं पता और लोगो से पूछो तो मज़ाक बनाते हैं।

अब हमारी टीम उसकी समस्या समझ चुकी थी और फिर हमने उसको बताना प्रारंभ किया कि आखिर शारीरिक बदलाव क्यो होते हैं। अब तक वह काफी खुल गया था और अब वह स्वयं यौन एवं प्रजनन सम्बन्धित प्रश्न पूछ रहा था। उसने हमसे कई सवाल पूछे जैसे की,

सर मेरे लिंग के पास बाल क्यों निकल रहे हैं?
सर मेरे लिंग का आकार क्यो बड़ रहा है?
सर क्या यह सब मे होता है? क्या सबको इसी उम्र मे होता है?

हमारी टीम ने रवि और वहां मौजूद सभी बच्चों को समझाया की यह सब बदलाव शरीर मे उपस्थित ‘हॉर्मोनस’ के कारण होते हैं। शारीरिक बदलाव एक प्रक्रिया है, जिससे सबको गुज़रना पड़ता है। ये सब मे अलग अलग हो सकते हैं। हमने फिर उनको शारीरिक बदलाव सम्बंधित सारी जानकारी दी।

इस व्याख्यान के माध्यम से हमने केवल रवि की समस्याओं को प्रकाश मे लाना चाहते हैं। बल्कि रवि जैसे लाखों किशोर-किशोरियो की यौन-प्रजनन सम्बंधित समस्याओं को प्रकाशित करना चाहते हैं। जिससे  वह मानसिक रूप से स्वयं को तैयार कर सके साथ ही होने वाले शारीरिक बदलाव से भ्रमित ना हो।

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