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क्या है हिन्दू कॉलेज में होने वाली ‘वर्जिन ट्री पूजा’ जिसे लेकर होता है विवाद

हिन्दू कॉलेज

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14 फरवरी को हिन्दू कॉलेज में एक समूह द्वारा विवादित वी-ट्री की पूजा करने को लेकर स्टूडेंट्स के बीच वैचारिक झड़प हुई, जिसके बाद इस परम्परा का विरोध करने वाले स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट शुरू कर दिया।

वर्जिन ट्री की पूजा को लेकर पिछले साल भी कॉलेज के भीतर स्टूडेंट्स के बीच हिंसा भी हुई थी। कॉलेज के बाहर पिंजरा तोड़ मुहिम से जुड़ी छात्राओं ने भी आधी रात को कॉलेज में घुसकर इस पूजा के खिलाफ खड़े स्टूडेंट्स को ‘सॉलिडैरिटी’ दी थी।

14 फरवरी की दोपहर कॉलेज में हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद शाम को कॉलेज के बाहर अखिल भारतीय छात्र संगठन के लोगों ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया को पीट दिया। इस तरह कॉलेज के भीतर उठी यह बहस वैचारिक लड़ाई के साथ-साथ हिंसा में परिवर्तित हो गई।

क्या है वर्जिन ट्री को पूजने की परम्परा

हिन्दू कॉलेज वर्जिन ट्री। फोटो साभार- सोशल मीडिया

वर्जिन ट्री को पूजने के पीछे एक लंबे समय से चलती आ रही परम्परा का हवाला दिया जाता है। इसी कॉलेज के एक शिक्षक बताते हैं कि यह प्रथा 1990 के दशक में कुछ स्टूडेंट्स द्वारा शुरू की गई थी, जिसके पीछे सेक्स एजुकेशन जैसी कोई समझ नहीं थी। अर्थात यह पूरी तरह से मनोरंजन मात्र के लिए शुरू की गई प्रथा थी, जिसमें बॉयज़ हॉस्टल का एक लड़का पंडित बनता है, जो वर्जिन ट्री पर किसी ‘सेक्स अपीलिंग’ स्त्री की फोटो, जिसे ‘दमदमी माई’ कहा जाता है, के सामने आरती गाता है।

इसके साथ ही पेड़ पर कॉन्डोम में पानी भरकर लगाए जाते हैं, जिसके पीछे यह मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर पानी गिरेगा, 6 महीने के भीतर उसकी वर्जिनिटी लूज़ होगी।

इस पूजा को लेकर लगातार छात्रों का एक प्रोग्रेसिव तबका इसके ‘मिसोजिनिस्ट’ एवं ‘एन्टी-माइनॉरिटी’ चरित्र पर सवाल उठाता रहा है। इस दौरान गाई जाने वाली आरती में स्त्री अंगों को लेकर मानक तय किए गए हैं, जो अश्लील और रूढ़ हैं।

इसी वज़ह से प्रोग्रेसिव तबका कॉलेज प्रशासन से इस पर रोक लगाने की मांग भी रखता आ रहा है। इस बार 13 फरवरी को गर्ल्स हॉस्टल व बॉयज़ हॉस्टल के अध्यक्ष एक साथ मीटिंग में आए, जहां प्रिंसिपल व अन्य महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे और तय किया गया कि इस तरह की कोई पूजा नहीं होगी।

हालांकि बाद में एक समूह ने ऐसा कर दिया। इस पर बॉयज़ हॉस्टल के प्रेज़िडेंट कुछ कहने से इनकार कर देते हैं और प्रिंसिपल कहती हैं कि इस मामले में खोजबीन चल रही है।

इस रवैये के ख़िलाफ़ छात्र आक्रोशित हैं, उनमें गुस्सा है। वे  इस प्रथा के ब्राह्मणवादी चरित्र व स्त्री-विरोधी प्रवृत्ति पर लगातार सवाल करते हुए प्रिंसिपल से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों व अन्य सम्मिलित लोगों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।


नोट: गायत्री यादव Youth Ki Awaaz इंटर्नशिप प्रोग्राम जनवरी-मार्च 2020 का हिस्सा हैं।

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