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“आतिशी और रितू जयसवाल जैसी राजनेताओं ने राजनीति में शिक्षा की अहमियत को साबित किया है”

आतिशी और रितू जायसवाल जैसी महिलाएं यह दिखा रही हैं कि समाज में बदलाव लाने के लिए क्यों शिक्षित और संवेदनशील लोगों का राजनीति में आना ज़रूरी है।

अभी दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और आम आदमी पार्टी को बहुत बड़ी जीत मिली। आम आदमी पार्टी की इस जीत में शिक्षा और आरोग्य (मोहल्ला क्लिनिक) इन मुद्दों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

दिल्ली की शिक्षा की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए जिन्होंने बुनियादी और ज़रूरी बदलावों की शुरुआत की (मैं इसे बदलाव की शुरुआत कह रहा हूं, क्योंकि दिल्ली में शिक्षा में अभी भी बहुत काम करना बाकि है), उसमें मनीष सिसोदिया के साथ आतिशी की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी।

जब चुनाव के नतीजे न्यूज़ चैनलों पर आ रहे थे, तब मेरी नज़र कालकाजी विधानसभा सीट पर थी। न्यूज़ में यह आ रहा था कि इस चुनाव क्षेत्र में आतिशी को कड़ी चुनौती मिल रही है, जिसमें वह हार भी सकती है पर अंत में वह जीत गईं।

आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी को गौतम गंभीर से हार मिली थी। यह वही गौतम गंभीर हैं, जो चुनाव जीतने के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र में कम और स्पोर्ट्स टीवी चैनलों पर ज़्यादा रहते हैं। प्रदूषण पर जब मीटिंग होती है तब किसी और शहर में जलेबी खाते हुए पाए जाते हैं।

जिस गौतम गंभीर का इंटरेस्ट और पैशन राजनीति में नहीं है, वह जीत गएं और जिस आतिशी का इंटरेस्ट और पैशन राजनीति (बदलाव के लिए) में है, जो अच्छा काम भी कर रही हैं और आगे कर भी सकती हैं, वह हार गईं (ऐसा होना हमारे देश में आम बात है)।

मुझे नहीं पता कि गौतम गंभीर के चुनाव जीतने के बाद दिल्ली को क्या फायदा हुआ पर आतिशी जैसे काम करने वाले उम्मीदवार के हारने से नुकसान ज़रूर हो जाता है।

क्यों मुझे लगता है चुनाव में आतिशी जैसे उम्मीदवार का जीतना ज़रूरी है

दिल्ली में आतिशी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है (आपको बता दें कि आतिशी ने M.A ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से किया है) और जब ऐसी उम्मीदवार हार जाती है, तब समझ आता है कि लोगों की क्या प्राथमिकताएं हैं? लोगों को कैसे उम्मीदवार चाहिएं? कब लोग उम्मीदवार के काम और काबिलियत पर वोट डालेंगे?

हमारे देश में चुनाव लड़ना कितना मुश्किल है, यह आप सभी को पता है और चुनाव जीतने के लिए क्या-क्या किया जाता है, यह भी पता है। फिर भी जब ऐसे हालात में आतिशी जैसा उम्मीदवार जीतता है, तब यह लगता है कि बदलाव के लिए काम करने वाले उम्मीदवार की अहमियत लोगों में आज भी है।

चुनाव जीतने से आतिशी जैसे और लोग जो बदलाव लाने के लिए राजनीति में आना चाहते हैं, उन्हें भी प्रेरणा मिलती है। राजनीति अच्छे और आम लोगों के बस की बात नहीं है, यह परसेप्शन बदलने के लिए आतिशी जैसे उम्मीदवार का जीतना ज़रूरी हो जाता है।

राजनीति बुरी इसलिए है, क्योंकि इससे शिक्षित, संवेदनशील और बदलाव चाहने वाले आम लोग दूर हैं-

राजनीतिक नेताओं ने अपने फायदे के लिए ‘राजनीति बुरी होती है’ यह डर लोगों में फैलाकर रखा है, ताकि आम लोग इससे दूर रहें, इससे उनके हितों की रक्षा होती है और इसे फैमिली बिज़नेस बनाया गया है।

इन राजनीतिक लोगों ने राजनीति का ऐसा बिज़नेस मॉडल बनाया है, जिसमें यह ध्यान रखा गया है कि आम लोगों के लिए चुनाव लड़ना और जीतना मुश्किल हो जाए। अगर समाज में बदलाव चाहते हो तो सबसे पहले इस बिज़नेस मॉडल को बदलना पड़ेगा और इसे बदलने के लिए आतिशी जैसे लोगों का जीतना ज़रूरी हो जाता है।

 रितू जायसवाल, जिन्होंने गॉंव की राजनीति की परिभाषा बदल दी

अब मैं बात करना चाहता हूं रितू जायसवाल कि जिन्होंने एक गॉंव के मुखिया के तौर पर गॉंव की राजनीति की परिभाषा बदल दी है और यह साबित किया है कि लोग अच्छे बदलाव को और लोगों से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर काम करने वालों को एक्सेप्ट करते हैं। बस उन्हें सही तरीके से समझाने की ज़रूरत है।

दिल्ली में दिसंबर 2019 में Youth Ki Awaaz सम्मिट में उन्होंने बुनियादी मुद्दों की बात की और बदलाव के लिए ये कैसे महत्वपूर्ण हैं, इसपर भी अपनी बात रखी। इन मुद्दों के ऊपर ज़मीनी स्तर पर कैसे काम किया जा सकता है और लोगों से कैसे कम्यूनिकेट किया जा सकता है, यह भी समझाया।

इसी सेशन में उन्होंने समझाया कि अच्छे लीडर में क्या क्वालिटी होनी चाहिए, इसपर बात करने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि आपके अंदर क्या क्वालिटी होनी चाहिए, जिससे आप अच्छे लीडर चुन सकें। बदलाव लाने के लिए लोगों की मानसिकता तैयार करना, उन्हें समझना और समझाना ज़रूरी है और यह काम रितू जायसवाल अच्छी तरह से निभा रही हैं। गॉंव का मुखिया कैसा होना चाहिए, इसकी एक नई परिभाषा रितू जायसवाल हैं।

देश में आतिशी और रितू जायसवाल जैसे जो भी लोग हैं, जो बदलाव के लिए राजनीति कर रहे हैं, ऐसे लोग आज की राजनीति और देश के आज के हालात बदल सकते हैं। ऐसे लोगों का और इनसे प्रेरणा लेकर राजनीति में ऐसे और लोगों का जुड़ना देश के लिए बेहद ज़रूरी है, इसी में हमारे देश का हित है।

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