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क्या विदेशों से लाये गए लोगों पर भी आपने ऐसे ही निस्संक्रामक दवा का छिड़काव कराया था ?

हालही ही में उत्तरप्रदेश के बरेली शहर में, बड़े शहरों से आये मजदूरों को सड़क पर बिठाकर निस्संक्रामक का छिड़काव करा जा रहा था। मैं पूछना चाहता हूं क्या विदेशों से लाये गए भारतीयों पर भी आप लोगों ने एयरपोर्ट पर ऐसे ही छिड़काव कराया ? ये मानसिकता कैसी है ? और क्या ये एक मानवीय व्यवहार है ? हर भारतीयों का फर्ज है कि वो पूछे, की साहब इतने साल हो गए आपको सरकार चलाते हुए, कई साल आपके पास प्रदेश की भी जिम्मेदारी रही, पर क्यों आप आज तक देश की संरचना को नहीं समझ पाए ? क्या आप और आपके नौकरशाहों की टीम इतना नहीं जानती थी कि हमारे देश में करोड़ों मजदूर वर्ग के लोग अपने गांव छोड़कर रोज की दिहाड़ी पर काम करते हैं ? वे लोग क्या करेंगे इन 21 दिनों में, उनके पास न जमा पूंजी है न काम, वे रोज कमाते हैं और अपना ख़र्चा चलाते हैं। बिन पैसे शहरों में 3 हफ्तों तक अपना खर्च वो कैसे चलाएंगे ? क्या आपके टीवी पर माफी मांग लेने से उनके 200 300 किलोमीटर की पैदलयात्रा का दर्द ठीक हो जाएगा ?

मैं हैरान हूं कैसे आपकी हर योजनाएं आखिरकार सबसे निचले और मध्यम पायदान पर पड़े लोगों की फज़ियत का कारण बनकर रह जाती हैं। चाहे नोटबन्दी हो या जीएसटी और अब ये देशबंदी, अंततः सभी कमजोर वर्गों के लिए जहर ही साबित हुए। पूरा देश यही चाहता है, की लॉक डाउन के जरिये कोरोना के संक्रमण को रोका जाय पर साथ में मुश्किल ही कोई ऐसा चाहता होगा कि कोई गरीब इस लॉक डाउन के चलते भुखमरी से मारा जाय। हालही में उत्तरप्रदेश के कोइरीपुर में मुसहर जाती के लोग घास खाने पर मजबूर हुए, उनका मुख्य पेशा मजदूरी है, मध्य्प्रदेश के 34 वर्षीय रणवीर सिंह ने हार्ट अटैक में अपनी जान गवाँ दी। वो दिल्ली से अपने गांव पैदल आ रहा था। और न जाने कितनी दर्दनाक घटनायें हुई होंगी, वो मजदूर अपने बीवी बच्चों के साथ 200-400 किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर हैं। क्या आप नहीं जानते थे कि ऐसा हो सकता है? या देश को अब गरीबो की मौतों पर संवेदनहीन होने का समय आ गया है ?

वे मजदूर तो जैसे तैसे अपने गांवों में आ ही जायेंगे, हो सकता है संक्रमण भी साथ लाएं, और यदि ऐसा हुआ तो गांवों को संक्रमित होने से आप कैसे रोकेंगे ? मैं ये भी आशा करता हूँ कि हमारा देश जल्द ही इस महामारी से उबरे पर इसके चलते अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर जो असर पड़ेगा उससे उबरने के लिए आपकी सरकार क्या उपाय करेगी ? देश ने बड़ी उम्मीदों से आपको बहुमत दिया है… बार बार उनकी भावनाओं को मत कुचलिये। ?

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