धनक
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वह – यार ! तुम इतना प्रेम पर लिखते हो , बता सकते हो तुम्हारी नज़रो में प्रेम क्या है ?
मैं — तुमने धनक मूवी देखी है ?
वह – नही। .
मैं — अच्च्च्चहा ! देखना जल्दी ही। .
वह – प्रेम क्या है बताओगे ?
मैं — धनक में , जैसे परी अपने भाई छोटू को खुश देखकर जितना खुश होती है , और छोटू को जैसे ,जितना विश्वास परी पर होता है , बस वही प्रेम को परिभाषित कर जाता है। इसके अलावा प्रेम कुछ है ही नही । प्रेम …सामने वाली की खुशी में खुशी और आपस मे विश्वास से ज्यादा भला हो ही क्या सकता है। अच्छा ! प्रेम …समझ आ गया।.
वह- नही। .
धनक 2015 में आई राजस्थानी समाज मे गढ़ी गयी दो अनाथ बच्चों …परी और छोटू की कहानी है। धनक मतलब ….इंद्रधनुष । जिसमे पारी छोटू की आंखों को वापस लाने के लिए हर मुश्किल दौर से गुजरने को तैयार है । छोटू की जिद्द , परी की परवाह और दोनों का सलमान और शाहरुख के लिए लड़ना , प्रेम की परिभाषा गढ़ने के साथ , समाज की वास्तविकता को दर्शता है। नागेश कुकुनूर के बेहतरीन निर्देशन और अवार्ड विनिंग मूवी दिल के हर हिस्से को बहुत करीब से छूती है। बच्चों के मनोभाव को पढ़ना बचपन मे लौटा कर ले जाता है। अगर अभी तक आपने अपना धनक नही देखा तो खोजिए और देखिए । यह मूवी आपको बतायेगी की धनक को रात के अंधेरे ग्रहण में देखा सकते । धनक सिर्फ बारिश के बाद ही आता है ,अपना धनक हमे खुद खोजना पड़ता है… धनक ❤️ ____________________________________________.
©अशोक सिंह ‘अश्क़’