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जापान के इस होटल में लड़कियों को नग्न कर उनके शरीर पर परोसा जाता है खाना

फोटो साभार- सोशल मीडिया

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“बॉडी से आने वाली मछली की स्मेल या कई लोगों के सामने निर्वस्त्र होने के डर से मैं उबर नहीं पा रही थी। तभी अपने पैरों की तरफ देखने के बाद मुझे लगा कि मुझे पेडीक्योर की सख्त ज़रूरत है। लोग मेरे ऊपर से खाना खाने वाले थे। इसलिए मुझे खुद को साफ सुथरा रखना ज़रूरी है।

पहुंचने के साथ ही मैंने कोको को सब कुछ बता दिया, वो मेरी हर बात बड़े ही ध्यान से सुन रही थी। जैसे कि हर महिला करती है, वेसे ही वो भी एक साथ कई कामों को संभालने में लगी हुई थी।

उसने मेरे मुंह पर एक जोड़ी हाथों से बने जूते फेंक दिए। उसके बाद उसने मुझे सीढ़ियों के नीचे बने एक कमरे में जाने का इशारा किया।

जहां उसने मुझे मेरे बाकी के कपड़े दिए, दो मोती की सीपियां, एक टेप का रोल, एक छोटा सा पिंक थोंग और एक किमोनो। हाथों के इशारों से उसने मुझे अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, फिर सीपियों को अपने उभारों पर टेप से चिपकाने के लिए, उसके बाद थोंग को मेरे जनांगों पर बांधने का निर्देश दिया।

मेरे पास सवाल करने का भी समय नहीं था। मैंने बिना देर किए सारी बातें मान ली और सोच लिया कि मैंने अपना शरीर कुछ घंटों के लिए किराए पर कोको को दे दिया है। मैं सोच रही थी कि स्ट्रिपर्स को यह काम करते हुए, औरों कटा हुआ, रोबोट की तरह महसूस होता होगा।”

यह अंश Vanity Fair वेबसाइट में छपे ‘न्योटाइमोरी’ वर्कर के पहले अनुभव से लिया गया है।

जापान के एक शेफ का अविष्कार जो बन गया महिलाओं के साथ शोषण का पेशा

फोटो साभार- सोशल मीडिया

लगभग 1800 ई. के दौरान खुद को बाकियों से अलग साबित करने के लिए जापान के एक शेफ ने न्योटाइमोरी का आविष्कार किया था। इस शेफ ने सुशी जो कि एक खास प्रकार की मछली और चावल से तैयार की जाने वाली डिश है, उसे महिलाओं के नग्न शरीर पर सर्व करना शुरू किया।

कुछ ही दिनों में शेफ के इस तरीके ने लोगों के दिलों में जगह बना ली और उनका चर्चित होने का सपना पूरा हो गया।

महिलाओं के नग्न शरीर को ट्रे की तरह इस्तेमाल करने वाले इस शेफ ने खुद इस बात को क़ुबूल किया है कि लोग उनके रेस्टोरेंट में सुशी के स्वाद के बजाय लड़कियों के नग्न शरीर की तरफ आकर्षित होकर आते हैं।

जापान में आज भी फल-फूल रहा है यह व्यापार

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इस प्रक्रिया का रिश्ता जापान के समुराई लोगों से है, जो अपनी जीत की खुशी मानाने के लिए नग्न महिलाओं के शरीर पर परोसा खाना खाते थे मगर सवाल यह है कि आधुनिक युग में इन प्रथाओं की क्या जगह है?

अगर आपको लगता है कि नारीवादी सदी में यह प्रथा बंद हो चुकी है, तो आप गलत हैं। महिलाओं की वस्तुकरण का जापानी बाज़ार आज भी फल-फूल रहा है। हज़ारों की संख्या में महिलाएं आज भी इस कारोबार से जुड़ी हुई हैं।

महीनों तक मॉडल्स लेती हैं ट्रेनिंग

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इस तरह की प्रथाएं ना सिर्फ महिलाओं को शारीरिक बल्कि मानसिक कष्ट भी देती हैं। कारोबार से जुड़ी मॉडल्स को महीनों तक कड़ी ट्रेनिंग से गुज़रना पड़ता है। परफेक्ट बॉडी शेप के लिए एक सख्त डाइट फॉलो करने के साथ ही मॉडल्स को घंटों स्थिर रहने की ट्रेंनिंग दी जाती है।

फूड प्रेज़ेंटेशन के दौरान कई बार गेस्ट महिलाओं को छूते हैं, अभद्र टिप्पणियां करते हैं। इस पर भी उन्हें प्रतिक्रिया देने की इजाज़त नहीं है।

बात अगर बदलाव की करें तो तब से अब में बस इतना ही फर्क आया है कि पहले यह प्रथा सिर्फ महिलाओं के लिए थी मगर अब मेल मॉडल्स भी इस पेशे में शामिल हैं, जिसे ‘न्योटाइमोरी’ कहा जाता है।

हर बलात्कार के बाद कई दिनों तक ‘बलात्कार क्यों हुआ’ और ‘बलात्कार के क्या कारण हैंं’ जैसे सवाल चर्चा का विषय बनते हैं मगर हाल तो दिया तले अंधेरा वाला है। शायद इसलिए अब तक ये कुरीतियां मजे़े में फल-फूल रही हैं।

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