मध्यप्रदेश के सिंगरौली ज़िले में NTPC के लिए कोयला ढोने वाली दो मालगाड़ियों की सीधी टक्कर हो गई है। इस रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल कोयला लाने और ले जाने वाली मालगाड़ियों के लिए ही होता है।
सबसे अहम सवाल यह है कि एक ही ट्रैक पर 2 मालगाड़ियों को कैसे जाने दिया गया? हादसे में तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इस टक्कर में करोड़ों का नुकसान हुआ है। हालांकि नुकसान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हादसे में तीन कर्मचारियों की मौत
रेलवे सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में स्थित राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के रिंहद में कोयला खाली कर मालगाड़ी लौट रही थी। दूसरी मालगाड़ी सिंगरौली के अमरोली एमजीआर क्षेत्र से कोयला लेकर रिंहद क्षेत्र जा रही थी। सिंगरौली के बैढ़न इलाके के पास गनियारी में दोनों मालगाड़ी तड़के 4 बजे टकरा गईं।
सुबह 10 बजे दोनों मालगाड़ियों के इंजन में फंसे शवों को निकाला गया। हादसे में तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल सहित एनटीपीसी के कर्मचारी एवं सीआईएसएफ के जवान तैनात हैं। इस रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल कोयला लाने और ले जाने वाली मालगाड़ियों के लिए ही होता है। सवाल यह है कि एक ही ट्रैक पर 2 मालगाड़ियों को कैसे जाने दिया गया?
घटना को लेकर मृतक के परिजन और स्थानीय लोग आक्रोशित थे। उनका कहना था कि लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
हादसे के लिए हम ज़िम्मेदार नहीं: रेलवे
सिंगरौली ज़िले में कई कोयला खदानें हैं। यहां से कोयला इन मालगाड़ियों से रिंहद एनटीपीसी क्षेत्र में भी भेजा जाता है। रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि इस हादसे का रेलवे से कोई संबंध नहीं है। इस ट्रैक को एनटीपीसी संचालित करता है।
Rajesh Kumar, CPRO, Indian Railways: It is clarified that it is not an accident in the Indian Railway system. Accident took place in the Merry Go Round (MGR) system completely owned and operated by NTPC, Rihand. As per request of NTPC, Indian Railways is providing all support.
— ANI (@ANI) March 1, 2020
घटना की हाई लेवल जांच कराई जाएगी
एस डी एम ऋषि पवार ने कहा कि NTPC प्रबंधन से बात हुई है और मृतकों के परिजनों से बात कराई गई है। प्रबंधन के तरफ से चार महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं।
पहली बात, घटना की हाई लेवल जांच कराई जाएगी, जिसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। दूसरी बात, मृतकों के इन्सोरेंस को नियमानुसार कैलकुलेट करके एक महीने के भीतर दिलाया जाएगा।
तीसरी बात, जो भी मृतक के नियमानुसार नॉमिनी होंगे उनके लिए सेमी स्किल्ड कैटेगोरी के तहत रोज़गार की बात कही गई है। चौथी बात, परिजनों को 10 से 15 दिनों के बीच तत्काल राहत राशी के रूप में एक लाख रुपए देने की बात की गई है और अंत में अंतिम संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों को 25 हज़ार रुपए देने की बात कही है।
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— उर्जान्चल टाइगर (@UrjanchalTiger) March 1, 2020