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“शिक्षा व्यवस्था में पिसते अभिभावकों का दर्द है फिल्म अंग्रेज़ी मीडियम”

फोटो साभार- सोशल मीडिया

फोटो साभार- सोशल मीडिया

ज़बरदस्त अभिनेता इरफान खान का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे दर्शकों के लिए बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि इरफान की‌ अंग्रेज़ी मीडियम रिलीज़ हो गई है। होमी अदजानिया को बधाई दी जानी चाहिए कि उनके माध्यम से हम सब अपने चहेते इरफान खान को फिर से देख पा रहे हैं।

एफर्टलेस एक्टर हैं इरफान

बॉलीवुड में इरफान को एफर्टलेस एक्टर कहा जाता है, वजह उनकी कमाल की अभिनय शैली है। इरफान की नई फिल्म अंग्रेज़ी मीडियम इस बात का एहसास करा गई कि हम दर्शकों ने उन्हें पर्दे पर कितना मिस किया था।

सवाल यह है कि इरफान ने फिल्म की शूटिंग कब की। शायद उस समय जब वह बीमारी से उबर रहे थे और अच्छी सेहत पाने के लिए जंग लड़ रहे थे। बहरहाल, इस वापसी की प्रशंसा तो करनी होगी। इरफान को अपनी जानी-पहचानी लय में देखना सुखद अनुभव है।

हिंदी मीडियम से क्या है कनेक्शन?

अंग्रेज़ी मीडियम 2017 में रिलीज़ हिंदी मीडियम की अगली कड़ी कही जा रही है‌हिंदी मीडियम सुपरहिट रही थी। हिंदी मीडियम ने स्कूलों में दाखिले की पेचीदगियों का रोचक खुलासा किया था।

ऐसे स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए माता-पिता को जाने कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। सब पहलुओं को दिलचस्प रूप में व्यक्त किया गया है। जिसनें अमीर माँ-बाप द्वारा खुद को गरीब साबित करने की कथा बेहद रोचक थी।

इस बार भी कहानी को उसी अंदाज़ में आगे बढ़ाया गया है। इस बार मामला उलट सा है। सामान्य आमदनी वाले पिता के सामने खुद को अमीर दिखाने की चुनौती है। दोनों ही फिल्मों में शिक्षा व्यवस्था मज़ाक बनकर उभरती है।

क्या है कहानी?

फिल्म में इरफान ने चंपक बंसल का किरदार अदा किया है। चंपक की पत्नी का निधन हो चुका है। चंपक के पास गुज़र-बसर के लिए एक मिठाइयों की दुकान के अलावा कुछ नहीं। चंपक की अपने कज़न गोपी (दीपक डोबरियाल) एवं मित्र गज्जू (कीकू शारदा) से अच्छी बनती है।

तीनों में अच्छी यारी है । माँ के चले जाने बाद पिता चंपक बेटी की अकेले ही परवरिश कर रहा है। बेटी तारिका (राधिका मदान) एक सामान्य विद्यार्थी है। पिता के साथ उसका तालमेल वाला रिश्ता है।

तारिका दुनिया को अपनी आंखों से देखने का बड़ा सपना संजोए हुए है। ऐसे पिता के लिए बिटिया के सपनों को नज़रंदाज करना आसान नहीं होता। आखिरकार बेटी के लिए चंपक को पिघलना पड़ता है। किन्तु चंपक की राह सामान्य नहीं। उसे एक असाधारण यात्रा करनी है।

तारिका अपना ख्वाब पूरा करने के लिए खूब मेहनत करती है। सौभाग्यवश फिर स्कूल की तरफ से लंदन जाकर पढ़ने का मौका मिलता है। लेकिन चंपक की एक गलती की वजह से वह मौका हाथ से चला जाता है।

तारिका को लगता है कि पापा उसे जाने नहीं देना चाहते। चंपक हालांकि वादा करता है कि वह किसी भी कीमत पर बेटी को लंदन भेजेगा, जिसके लिए चंपक अपना सब कुछ दांव पर लगा देता है।

फिल्म के प्रमोशन की जगह इरफान का इमोशनल संदेश

इरफान खान ने ‘अंग्रेजी मीडियम’ का प्रमोशन नहीं किया है। हां ट्रेलर रिलीज़ होने से पहले एक इमोशनल संदेश जारी करके बीमारी का हाल बयान किया था। उस संदेश में इरफान ने कहा था कि उनके शरीर में कुछ अनचाहे वायरस हैं। डॉक्टर ने उन्हें अभी आराम करने का मशविरा दिया है। इसलिए प्रमोशन नहीं कर सके।

इरफान खान के भावनात्मक संदेश ने उनके हर प्रशंसक का दिल जीत लिया था। फिल्म भी इरफान की बानगी पर खूब उतरी है। कथानक स्टार कास्ट एवं अदाकारी के मामले में फिल्म दर्शकों को कतई निराश नहीं करती। इरफान खान का होना फिल्म को मज़बूत करता है।

बात पर्दे के पीछे से निभाई गई ज़िम्मेदारी की

चार लोगों की टीम द्वारा लिखी पटकथा शिक्षा को लेकर युवा पीढ़ी के मन में पल रहे सपने तथा उससे माँ-बाप को होने वाली परेशानियों को दिखाने का रोचक प्रयास है। जिसकी तारीफ की जानी चाहिए। फिल्म का भविष्य चाहे जो भी हो अच्छे प्रयासों का उल्लेख किया जाना चाहिए।

इरफान व दीपक डोबरियाल फिल्म को देखने की वजह बनेंगे। तारिका के रोल में राधिका मदन का अभिनय भी रूचि जागृत करता है। छोटे से दृश्य में पंकज त्रिपाठी को भी आप नोटिस ज़रूर करेंगे।

कहानी में ऐसे बहुत से पात्रों को आप देखेंगे। यह फिल्म इरफान खान की वजह से ज़रूर देखी जाएगी। यदि आप शिक्षा व्यवस्था में पिसते अभिभावकों का मर्म हास्य व्यंग से भरी कहानी के ज़रिये देखना चाह रहें हैं, तो “अंग्रेज़ी मीडियम” जाकर देखें।

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