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कोरोना को लेकर ग्रामीणों में बहुत भ्रम है

इस समय कोरोना को लेकर पूरा भारत अलर्ट अवस्था में है, हर जगह पर लोग किसी न किसी तरीके से सचेत होकर इस वायरस से बचने की जद्दोजहद कर रहे हैं। पूरा प्रशासनिक अमला लोगों को जागरूक करने में लगा है। ऐसे हालात में ग्रामीण परिवेश में कुछ ऐसी अफवाह रूपी सावधानियां और खबरें भी उड़ रहीं हैं जिनका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं है। ऐसी ही कुछ अफवाहें जो मैंने सुनी उनमें से कुछ को मैं यहां बताना चाहूंगा-

1. पहली अफवाह जो अधिकांश लोगों के मुंह से निकल रही है वो यह है कि उन्हें यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कोई ऐसा रोग इतनी तेज़ गति से फैला है जिसे रोकने के लिए सरकार इतने बड़े पैमाने पर अलर्ट है।
जबकि वास्तविकता यह है कि कोरोना, चीन से शुरू हुआ एक खतरनाक रोग है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है।

2. एक अफवाह यह भी उड़ रही है कि होमियोपैथी दवा से कोरोना ठीक हो सकता है।
जबकि वास्तविकता यह है कि विश्व भर के वैज्ञानिक अभी भी इस वायरस के इलाज की दवा की खोज के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। और अभी तक इसकी कोई दवा उपलब्ध नहीं है।

3. कुछ लोगों में यह भी अफवाह घर कर गई है कि गांजा और शराब के सेवन से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
लेकिन सच्चाई यह है कि किसी भी स्वास्थ्य संघटन नें या डॉक्टरों की किसी टीम नें इस बात की पुष्टि नहीं की है कि गांजा या शराब के सेवन से कोरोना का खतरा नहीं रहता है।

4. मांस, मछली या नॉनवेज खाने से कोरोना का खतरा बढ़ने की अफवाह भी खूब फैली है।

इस अफवाह के कारण मांस, मछली के दामों में काफी गिरावट भी आई है। और इनके अधिकांश  पालक इनके गिरते दामों से काफी परेशान भी हैं। लेकिन इसकी सच्चाई ये है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर किसी भी तंत्र ने अभी तक नॉनवेज का सेवन करने से रोकने का कोई भी निर्देश नहीं दिया है। अतः अगर आप नॉनवेज के शौकीन हैं तो पूर्ण रूप से पके हुए नॉनवेज भोजन कर सकते हैं।

5.अधिकांश लोगों में यह भी अफवाह है कि तापमान बढ़ने के साथ ये वायरस स्वतः ही खत्म हो जायेगा। उन लोगो को ये भी कहना है कि गर्म चीजें जैसे चाय या फिर कॉफी के सेवन से कोरोना से बचा जा सकता है।
वास्तविकता यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी पुष्टि की है  कि अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है जिससे यह बात स्थापित हो सके कि गर्म मौसम में कोरोना वायरस नहीं पनपता।

लेकिन ये सब भी एक अफवाह है। इनका वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं है। ऐसी स्थिति में मेरा मानना है कि हमें साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए सतर्क रहना चाहिए। हमें भीड़-भार वाली जगह से जाने से बचना होगा। हमें सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा हमें ध्यान रखना होगा सतर्कता, हाथों की सफाई ही इस कोरोना से बचने का सबसे बेहतर उपाय है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो बड़े गर्व से कहते हैं कि कुछ नहीं होगा, ये लोग अपने-आपको हिम्मती दिखाने की कोशिश में असावधानी से भीड़-भार वाली जगह में जाने से भी नहीं डरते और अन्य निर्देशों का पालन भी नहीं करते। वास्तव में मैं इस आत्ममुग्धता पूर्ण हिम्मत को हिम्मत नहीं बल्कि मूर्खता कहना चाहूंगा। और ऐसे लोगों से उम्मीद करूंगा कि इस तरह की मूर्खता को त्यागकर अपनी और अन्य लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे।

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