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योग और गोबर, कोरोनावायरस को रोकने के भाजपाई नुस्खे

फोटो साभार- सोशल मीडिया

फोटो साभार- सोशल मीडिया

चीन के वुहान शहर में 2019 में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद यह फैलतेफैलते 68 देशों तक पहुंच गया, जिसने अपनी गिरफ्त में 89 हज़ार लोगों को ले लिया है।

इससे तीन हज़ार से भी ज़्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। वहीं, सबसे ज़्यादा मौतें चीन में हुई हैं।

भारत में इसके संक्रमण का पहला मामला केरल में सामने आया था। इसके बाद दिल्ली में इसके 6 मामले सामने आए हैं। इसके उपचार की अभी तक कोई तकनीक विकसित नहीं हो पाई है।

डॉक्टर हर्षवर्धन ने क्या कहा?

केंद्रीय स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन। फोटो साभार- सोशल मीडिया

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था,लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है। भारत पहले दिन से ही इसकी तैयारी में है कि इसका संक्रमण भारत में ना पहुंचे।

साथ ही उन्होंने कहा,

सरकार हर फ्रंट पर तैयार है। वो चाहे एयरपोर्ट हो, आइसोलेशन सेन्टर हो या फिर अस्पताल, हमारी पूरी तैयारी है और नियमित जांच चल रही है।

यूपी में कोरोना वायरस का संदिग्ध मिलने पर कुछ स्कूलों में एहतियातन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। मौजूदा हालात में आपदा चरम पर तो है ही, इसके साथ-साथ नेताओं के उलजुलूल बयान भी शीर्ष पर हैं।

योगी आदित्यनाथ का कोरोना पर बेतुका बयान

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में इंटरनैशनल योग फेस्टिवल के दौरान कहा, “मानसिक तनाव पर काबू पाने वाले व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो सकता।”

सोचने का विषय है कि इस तरह की बयानबाज़ी आम लोगों तक क्या संदेश पहुंचाएगी। इससे पहले भी योगी फ्लू पर कह चुके हैं, “बीमारी को हौव्वा ना बनाएं, फ्लू बीमारी नहीं है, मौसम बदलने पर लोगों को सर्दी लग ही जाती है।”

जहां एक तरफ अभी तक आम लोगों के बीच यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिरकार कोरोना वायरस है क्या? कैसे फैलता है और इसकी क्या रोकथाम है, वहां इस तरह की बयानबाज़ियां क्या साबित करना चाहती हैं?

यदि मानसिक तनाव ही इस संक्रमण की एक खासी वजह है, तो ये संक्रमण आप और हम तक बहुत तेज़ी से फैलेगा, क्योंकि ऐसा तो कहीं कोई है ही नहीं जिसे मानसिक तनाव नहीं हो! किसी को थोड़ा कम होगा किसी को थोड़ा ज़्यादा।

जहां घरों की नींव ही नालों पर रखी हो, छतें इतनी घुटन और ज़हरीली हवाओं के बीच झूल रही हों, वहां इस तरह के वायरस की रोकथाम और बचाव की जानकारी मुहैया करानी ज़्यादा ज़रूरी है या फिर तनाव का मानक तय करना?

सुमन हरिप्रिया का गोबर वाला बयान

सुमन हरिप्रिया।

वहीं, बयानों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है। असम में भाजपा विधायक सुमन हरिप्रिया ने सोमवार को विधानसभा में दावा किया है कि गौ-मूत्र  और गोबर से कोरोना वायरस का ईलाज सम्भव है।

वहीं, बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने राहुल गाँधी के इटली से लौटने पर कहा कि उन्हें संक्रमण की जांच करवानी चाहिए।

बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने क्या कहा?

लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर

इन सबके बीच बुधवार को लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, रिपोर्टर द्वारा उनसे पूछा जाता है, “उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस के मामले में हाईअलर्ट पर है, लोनी में स्वास्थ्य  केंद्र की हालत बहुत खराब है। इस पर आपका क्या कहना है?”

वो कहते हैं, “कोरोना वायरस की इतनी हिम्मत नहीं कि लोनी में आ जाएगा। यहां रामराज्य है। यहां लोग धर्म-कर्म में लगे रहते हैं, जहां गायें हों, वहां कोई वायरस नहीं आ सकता है।”

प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट किया,

घबराने की ज़रूरत नहीं है लेकिन हमें इससे लड़ने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।” 

इस तरह की बातें आम लोगों तक क्या संदेश पहुंचाएंगी, ज़रा सोचकर देखिए। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ लोग मिले हैं और उनके बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है।

ऐसे हालात में भ्रम  फैलाना कितना सही होगा? इन गैर ज़िम्मेदाराना बयानों की ज़िम्मेदारी किसकी होना चाहिए? चाहे कुछ भी हो, एक बात तो तय है, वो यह कि कोरोना वायरस पर इन नेताओं द्वारा दिए जाने वाले बयान बेहद ही खतरनाक हैं।

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