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कोरोना की अनकही कहानी!

कितना फर्क है ना कहानियों में सुनने में और उस लम्हें को जीने में

हां मैं आज ही की परिस्थिति की बात कर रही हूं। अब तक केवल अपने पूर्वजों और अभिभावकों से कहानियों के रुप में महामारी या आकाल पड़ने जैसे शब्दों को सुना था। परन्तु आज घर से 350 किलोमीटर दूर 21/28 के कमरे में बैठकर दुनिया में कोरोना वायरस से जा रही लोगों की जान और तबाही को जी रही हूं, महसूस कर पा रही हूं।

इस लॉक डाउन में हमारी शिक्षा व्यवस्था 20 वर्ष पीछे खिसकती दिख रही है

पिछले 23 महीने 13 दिन से बहराइच जिले के जिन 497748 बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दिला कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश में लगे ही थे कि आज अपने आंखों के सामने उन्हें पुनः 20 साल पीछे जाता हुआ महसूस कर पा रही हूं। आज लॉकडाउन हुये 24 दिन हो गये है पूरा देश एक साथ है इस महामारी से लड़ने के लिये। एक बार फिर से भारत ने अनेकता में एकता का प्रतीक सिद्द किया है। परन्तु यह समय ऐसा है जो भारत के आने वाले दिनो मे युवाओं और शिक्षा प्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ने के आसार दिखा रहा है।

इन विषम परिस्थितियों में भी बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को तकनीकी से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है

हालांकि इस कठिन परिस्थितियों में भी सरकार, जिला प्रशासन व अध्यापकों द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है। उनके द्वारा बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को तकनीकी, प्रेरणा, दीक्षा एप के चीजों को व्हाट्सएप समूह के माध्यम से जारी रखा जाए। उसके साथ ही प्रत्येक जरुरतमंद को राशन व स्वास्थ्य की सहायता मुहैया करायी जा सके।

परन्तु बहराइच जिले में फोन नेटवर्क की समस्या है। नेटवर्क तो फिर बहुत दूर की बात है, यहां तो लोगों के पास android फोन ही नहीं है और जिनके पास अगर है भी तो उनके पास पैसा नहीं है रिचार्ज कराने को।

उपाय तो बताया गया है परन्तु हमारे पास संसाधन का ही अभाव है

यहां की आधी जनसंख्या दैनिक मजदूरी से जीविकोपार्जन करती है। ऐसे मे तकनीकी का इस्तेमाल कर बच्चों को पढ़ाना सम्भव नहीं। वही दूसरी ओर एक तबके की जनसंख्या ऐसे इलाके/जंगल में रहती है जहां सहायता का पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में एक बड़ी संख्या है जो इस महामारी के प्रभाव से पीड़ित है। उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है।

विभिन्न स्रोत के अनुसार भारत में एक बड़ी युवा आबादी बेरोजगार है परन्तु इस कठिन कोरोना भरी परिस्थिति के बाद जिस हिसाब से भारत की आर्थिक स्थिति गिर रही है, बेरोजगारी के आसार बढ़ते नजर आ रहे हैं। जिसके लिये संकट व प्रतिबंध हटने के पूर्व ही हम सभी को समाधान खोजने के प्रयास खोजने की जरुरत है।

 

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