वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व सिर्फ एक ही समस्या से चिंतित हैं और वह है कोरोना वायरस का तेजी से बढ़ता हुआ संक्रमण। आज विश्व में लगभग 30 लाख लोग इस संक्रमण से संक्रमित है।पूरे विश्व में लगभग 2.3 लाख लोगों की जान इस वैश्विक महामारी से जा चुकी है। इसके दुष्परिणामों को ऐसे भी समझा जा सकता है कि विश्व का सबसे शक्तिशाली कहा जाने वाला देश,संयुक्त राष्ट्र अमेरिका भी इस महामारी को रोकने में अब तक असफल रहा है। केवल अमरीका में ही लगभग 55000 लोगों की जान इस महामारी की वजह से जा चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अमरीका में प्रतिदिन कैंसर और ह्रदय रोग जैसी बीमारी से लभभग 3000 लोगों की जान जाती है।और आज लगभग इतनी ही जाने कोरोना महामारी के कारण जा रही हैं। इससे इस वायरस के विनाशकारी रूप को आसानी से समझा जा सकता है। यह केवल अमेरिका की ही स्थिति नहीं है बल्कि यूरोप के देशों में भी यह वायरस मौत का तांडव कर रहा है। इस लाइलाज महामारी को रोकने के लिए बहुत से देशों में लॉकडाउन कर दिया गया है। जिससे भारत भी अछूता नहीं है। चूंकि भारत द्वारा लॉकडाउन जैसा महत्वपूर्ण निर्णय उचित समय पर लिया गया,जिसके सकारात्मक परिणाम देखें जा सकते हैं।
आज भारत में लॉकडाउन को एक महीने से ज्यादा हो चुके हैं और यही कारण है कि अब तक देश में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी नियंत्रण में है। वैसे तो देश में 30000 संक्रमण हो चुके हैं किन्तु अन्य देशों की अपेक्षा यह बहुत कम है और इसका पूर्ण श्रेय लॉकडाउन को ही जाता है।लॉकडाउन से जहां कोरोना नियंत्रण में है वहीं इसके चलते लोगो को बहुत सी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है । फिर चाहे समस्या दूसरे प्रदेश में फंसे लोगो को घर वापस जाने की हो या फिर सबको राशन मोहैया कराने की हो ।
निश्चय ही आज इस महामारी के अतिरिक्त किसी दूसरे विषय पर बात करना शायद सही न हो फिर भी क्या आप ने कभी ये सोचा है कि आने वाले समय में देश की आर्थिक स्थित कैसी होगी?, क्या अर्थव्यवस्था में परिवर्तन देखने को मिल सकता है? आर्थिक मंदी कितनी भयानक होगी? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिन पर बात करना आवश्यक है । एक सामाजिक संस्था होने के नाते यह हमारा दायित्व बनता है कि हम इस विषय पर भी चर्चा करें।इसके लिए Aim To Sustain की टीम ने गहन अध्ययन के पश्चात कुछ पहलुओं पर परिचर्चा कि जो मै आप से साझा करना चाहता हूं।
वैसे तो अभी किसी भी स्थिति कि परिकल्पना करना सही नही होगा किंतु फिर भी आने वाले समय में देश की आर्थिक स्थिति में कैसे उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है इसे हमने कुछ चित्रों के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास किया है।
प्रथम स्थिति-
जिस प्रकार भारत कोरोना महामारी से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व का नेतृत्व कर रहा है ऐसी स्थिति में आने वाले समय में देश को कई प्रकार से लाभ हो सकते हैं, जिसमें से एक है विदेशी व्यापार में वृद्धि तथा विदेशी कंपनियों का भारत में निवेश,जो स्वाभाविक भी है।जैसा कि आप सब को पता होगा कि बहुत से विकसित देशों की कंपनियां चीन में अपना कारोबार करती रही हैं, किन्तु आज चीन का वास्तविक रूप विश्व के सामने है और लगभग यह भी साफ हो गया है कि चीन के अवांछनीय क्रियाकलापों से ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी आज विश्व के लिए अभिशाप बन गई है।अब बहुत सी कंपनियां चीन से वापस आ रही है जो भारत के लिए, भारत में इन्हे स्थापित करने का सुनहरा अवसर है। यदि हम इन कंपनियों को अपने देश लाने में सफल रहे तो देश में विकाश का अलग स्वरूप देखने को मिल सकता है। साथ ही ऐसे में अर्थव्यवस्था में होने वाले उतार- चढ़ाव को प्रथम स्थिति से समझा जा सकता है।
अब यदि चित्र 1 को देखे तो बिंदु A से एक रेखा B तक नीचे आती है। यहां AB रेखा अर्थव्यवस्था में आने वाली गिरावट को दर्शाती है। अब बिन्दु B से एक रेखा ऊपर C बिन्दु के तरफ जाती प्रदर्शित हो रही है, यहां रेखा BC अर्थव्यवस्था में होने वाले बढ़ोत्तरी को दर्शाता है।इसका तात्पर्य यह है कि देश की आर्थिक स्थिति में गिरावट तो आयेगी किन्तु जल्दी ही उसकी क्षतिपूर्ति होना भी संभव है। किन्तु यह तभी संभव होगा जब हम विश्व के समक्ष स्वयं को साबित कर पाएंगे।
द्वितीय स्थित-
देश की प्रगति में विदेशी व्यापार का बहुत योग दान रहता है। 2018 में भारत और चीन के मध्य 95.54 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ जिसमें भारत ने सिर्फ 18.44 करोड़ डालर का निर्यात किया। यदि विदेशी कंपनियां भारत में नहीं भी आती हैं किन्तु कोरोना महामारी के बाद भारत ने अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत कर लिए तो अर्थव्यवस्था में द्वितीय प्रकार की स्थिति देखने को मिल सकती है।
चित्र सांख्य 2 में देखा जा सकता है कि बिन्दु A से एक रेखा B के ओर आती प्रदर्शित हो रही है जो अर्थव्यवस्था में होने वाले गिरावट को दर्शाती है। अब बिन्दु B से एक रेखा C कि ओर जा रही है जो यह दर्शाती है कि यदि तनिक भी लापरवाही हुई तो कुछ समय के लिए अर्थव्यवस्था में मंदी देखने को मिल सकती है किन्तु इसका समयांतराल बहुत कम ही होगा और पुनः इसमें सुधार देखने की मिल सकता है। जो बिंदु C से D कि ओर जाती हुई CD रेखा द्वारा प्रदर्शित किया गया है।
तृतीय स्थिति-
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक तीसरे प्रकार की भी स्थिति देखने को मिल सकती है जिसे चित्र सांख्य-3 में दर्शाया गया है। यदि हम ऊपर उल्लेखित दोनों प्रकार की रणनीतियों में असफल रहे तो ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो आने वाले समय में देश और समाज के लिए संकट जैसी परिस्थिति उत्पन्न कर सकती है।
चित्र सांख्य-3 में रेखा AB जो अर्थव्यवस्था में होने वाले गिरावट को दर्शाती है,यह आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। किन्तु चित्र में रेखा BC का तात्पर्य है कि एक लंबे समय तक मंदी की स्थिति बनी रह सकती है। यह समय कितना होगा इसकी परिकल्पना करना मुश्किल है।
इस प्रकार आने वाले समय में भारतीय अर्थवयवस्था में कुछ ऐसे ही उतार- चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।अब यह हमको ही सुनिश्चित करना होगा कि हम क्या चाहते हैं।यदि हम सरकार द्वार दिए गए निर्देशों का पालन करेंगें तो शायद हम विश्व के समक्ष स्वयं को एक मजबूत और सफल राष्ट्र के रूप में प्रदर्शित कर सकते हैं, जो देश हित में होगा।
लेखक– पंकज यादव (उपाध्यक्ष ए. टी. एस. फाउंडेशन )