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लॉकडाउन: बारां के मांगरोल, अंता, अटरू क्षेत्र में भूखे मरने को मजबुर मारवाड़ के चरवाह


मांगरोल खबर : कोराना वायरस की वजह से सारी दुनिया इस वक्त एक बुरे दौर से गुजर रही है दुनिया की ज्यादातर आबादी घरों में कैद है, ओर कोराना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए सिर्फ जरूरी सामान की खरीद के लिए ही घर से निकल रही है वहीं राजस्थान के मारवाड़ के पाली,नागौर,जालोर,ओर अजमेर जिलों के चरवाहे अपनी भेड़ों को चराने के लिए बारां के केलवाड़ा,कस्बाथाना, छबडा क्षेत्रों के जंगलों एवं अटरू,अंता , व मांगरोल के खेत खाली होने के बाद खेतों में भेड़ों को चराते है ओर भेड़ों के बच्चो को बेच कर अपना जीवयापन करते है ,

परंतु कोराना वायरस की वजह से सरकार ने पूरे हिन्दुस्तान में लॉकडाउन् कर दिया है जिस कारण सभी तरह के व्यापार ठप पड़ गए है ओर इन चरवाहों की भेड़ों ओर बच्चो को कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है, अपने पास रखे पैसे खर्च होने ओर घर पर से किसी प्रकार की सहायता ना पहुंच ने कि वजह से भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके है, मांगरोल व अंता के खेतों में ये इस वक्त चराते हुए कही भी देखे जा सकते है परंतु प्रशासन इनकी ओर ध्यान देने कि कोशिश ही नहीं करता है, मांगरोल के पास हमें कोटा रोड पर बोरदा गाव के पास सड़क किनारे  मानक जी देवासी का डेरा दिखाई दिया, जब हमने जाकर उनसे बात की तो उन्होंने अपना पता बाबरा गांव तहसील रायपुर जिला पाली का बताया, मानक देवासी हमें बताते है कि भेड़ के बच्चो को खरीदने के लिए कोई व्यापारी नहीं आ रहा है क्योंकि बड़े शहरों मुंबई ओर हैदराबाद की पशु मंडिया बंद पड़ी है इसलिए कोई अभी भेड़ के बच्चो को खरीद नहीं रहा है, पास में रखे पैसे ख्तम होते जा रहे है, भेड़ों की उन को अब कोई नहीं खरीदता है, इस कारण भूखे मरने की कगार पर आ गए है, मांगरोल में नगर प्रशासन से सहयोग मांगने के बाद भी किसी तरह की राहत सामग्री ना पहुंच पाने पर उदास दिखाई दे रहे है,
आपकी जानकारी के लिए हम बतादे की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मारवाड़ का गांधी कहा जाता है ओर आज उसी गांधी के राज में अपनी भूख को मिटाने की गुजारिश करते ये मारवाड़ के चरवाहे दर दर की ठोकरें खाते देखे जा रहे है, पाली जिले से बीजेपी के सांसद पीपी चोधरी भी इनकी इस समस्या से अनजान है ओर बारां जिले से गहलोत सरकार में खनन व गोपालन के कैबिनेट मंत्री समाज सेवक प्रमोद जैन भाया भी इनकी मदद नहीं कर पा रहे है, तो ये लोग किसके पास जाकर इन परिस्थितियों में अपना दुखड़ा सुनाए,
सरकार को इनकी समस्याओं को तुरंत संज्ञान में लेकर इन तक मदद पहुचानी चाहिए,

आरिफ अरमान
सोशल एक्टविस्ट मांगरोल

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