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“66 वर्षीय बुजुर्ग का एक अपील संदेश देश के नाम”

“66 वर्षीय बुजुर्ग का एक अपील संदेश देश के नाम”

नमस्कार मेरा नाम गोविंद राय है मैं 66 वर्षीय भारतीय वरिष्ठ नागरिक हूं! मेरा ये अपील पत्र देश के नाम है … मेरा ये पत्र उन लोगों के लिए है जो देश के प्रधान सेवक को उल्टी-सीधी बात कहते है… सोशल मीडिया नेटवर्किंग का गलत इस्तेमाल करते है मैं जब भी फेसबुक- ट्वीटर खोलकर देखता हूं और चकित हो जाता हूँ इस वक़्त देश मे एकजुटता दिखाने का है बल्कि एक-दूसरे को कोसने का नहीं प्रधान सेवक को उल्टी सीधी बात कहने का नहीं है! अनुरोध है वेवजह की बातें फैलाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का दुरुपयोग न करें !

 

प्रथम – मैं जगत जननी को नमन करता हूं

दूसरा- मैं धरती मां को नमन करता हूं जिन्होंने मुझे अपने आगोश में पालन किया!

तीसरा- मैं भारत के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रीयों को नमन करता हूं जो हमारे देश का मुख्य प्रधान है ओर राज्यों का मुखिया है!

मैं खुद कमाता हूं खुद को और अपने परिवार को खिलाता हूं परन्तु हमारे देख-रेख एवं परिचालन में सबसे ज्यादा योगदान हमारे देश  के मुख्य प्रधान का है जो हमारे गतिविधियों एवं परेशानियों का सुझाव देते हैं और तो क्या मैं खुद अपने जगत जननी एवं देश के प्रधान को अशोभनीय बात कहूँ! नहीं.. अगर कोई उन्हें अशोभनीय बात कह रहा है तो वो अपना पहचान बताता है कि वो इतना बुरा इंसान है जो अपनी जननी को भी नहीं छोड़ा!

मैं भी 4 साल से बेरोजगार हूं फिर भी मायूस नहीं हूं मेरा जीवन यापन का एकमात्र सहारा चाय-नास्ते की दुकान को बिहार के कुछ अफसर ने मिलकर लूटवा दिया औऱ कुछ कानून के उलटे शब्दों से मेरा गलती इतना था कि मैं अपने नुकसान के लिए फरियाद किया परन्तु किसी ने नहीं सुना । क्या है मै उन्हें अपशब्द कहूं..बिल्कुल नहीं! सभी का अपना- अपना विचार है सरकार सब सोच समझकर करता है परंतु उन्हें बदनाम उनके कुछ अफसर करते हैं क्या मैं उन अफसरों को अशोभनीय बात कहूं नहीं क्योंकि ये उनकी अपनी सोच है यह उनकी व्यवहार का परिचय देता है!

भारत के सभी जाति धर्म वाले से प्रार्थना करता हूं की भारत की परंपरा को और भारत के सर को दुनिया के सामने झुकने ना दे दुनिया के नजरों में न गिरने दे भारत के लोग ही भारत के प्रधान को तरह तरह की बात कहें उन्हें कोसे ये ठीक बिल्कुल नहीं है ये देश को शर्मसार करें यह बहुत ही अशोभनीय है यह भारतीय की पहचान भी नहीं है भारत हमेशा से सामाजिक सद्भाव से परिपूर्ण रहा है भारत में सभी धर्म के लोगों का आपसी भाईचारा रहा है इस समय हमारा देश बहुत ही गंभीर बीमारी से जूझ रहा है इस वक्त देश में एकता के साथ इस बीमारी से लड़ने का वक्त है है एक दूसरे की आलोचना करने का वक्त नहीं है एकजुटता दिखाने का  वक्त है सरकार निर्देशों का पालन करने का वक्त है है सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का वक्त है

और मैं बताना चाहूंगा 3 साल से लॉकडाउन में फंसा हुआ हूं और आप बस 21 दिन में ही अपने प्रधान का साथ देने बजाय होने कोसने लगे उनको तरह तरह की बातें कहने लगे और अपनी उड़ी पूरी भड़ास को सोशल मीडिया के मध्यम से उनपर उतारने लगे जो आपकी जान रक्षा करने में लगे है देश को बचाने में लगे है … अनुरोध है ऐसी हरकत न करें !

अंत में आप सभी से अपील है कि हमें कोरोना को हराने के लिए एकजुटता दिखाना होगा सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा सरकार की मदद करनी होगी सरकार की बातों का ध्यान में रखना होगा और बेवजह सरकार को कोसने की बजाएं घर में रहे रहे अपने परिवार के साथ रहे स्वच्छ रहें स्वस्थ रहें…सोशल मीडिया का दुरुपयोग ना करें.. बेवजह बाहर ना निकले अपना खूब ख्याल रखें…

शुक्रिया…?

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