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“क्या लॉकडाउन में लोगों ने यह सोचा कि हम जैसे दिव्यांगजनों की हालत क्या हो सकती है?”

जब से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोरोना को रोक देने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है, तब से पूरा देश अपने घरों में रहना शुरू किया। जबकि मैंने तो 6 साल एक छोटे से कमरे में, एक छोटे से बिस्तर पर गुज़ार दिया है।

क्या लोगों ने एक बार भी सोचा है कि लॉकडाउन में हम जैसे दिव्यांगजनों की हालत क्या हो सकती है

इस वीडियो में देखिए 90% दिव्यांग डॉ. साई कौस्तुभ कैसे मुश्किलों का सामना करते हुए एक व्हीलचेयर में बैठकर विश्वभर के सारे डॉक्टर्स, नर्स, प्रशाशन, सफाई कर्मी, मेडिकल परिसेवा से जुड़े रहने वाले सभी लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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