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“जग रौशन है सिर्फ तुझसे ही माँ, यह दुनिया तेरा बसेरा माँ”

mothers day

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आई जब तेरी याद माँ, मेरे आंसू बहने लगे

राह देखा माँ तेरी, सब राही कहने लगे,

सेवा जो करने लगा, मुझे सेवक कहने लगे

ज्योति जली तेरे दामन से, प्रकाश मुझे कहने लगे

याद जब भी आई माँ तेरी, मेरे आंसू बहने लगे।

 

जब कभी मैं रो पड़ता तो, तूने मुझे उठाया माँ

भर लिया बांहों मे अपनी, झट से गले लगाया माँ,

ममतामयी लोरी गाकर, फिर मुझको बहलाया माँ

बहुत स्नेह करती थी मुझको, हांथो से सहलाया माँ

धूलि-धूसर हो जाता तो, फिर मुझको नहलाया माँ।

 

बड़ा अजीब सा जीवन है मेरा, अकेला हूं, ना तू साथ माँ

तूने कभी स्वार्थ ना दिखाया, तू ही ममता की मूरत माँ,

तुझमे ही माँ जां बसती है, यह शरीर माटी का पुतला माँ

तू भूखी थी जब मैं रोया, छोड़ अन्न पास आई माँ

जब में नन्हा बच्चा था, हर रात जगती सोयी माँ।

 

हर काम से पहले अब, चरणों में सिस झुकाया माँ

हर-पल को जीना सिखलाया, जीवन का किरदार माँ,

दिन क्या होता और क्या रातें, बिन तेरे सब सुना माँ

जग रौशन है, सिर्फ तुझसे ही माँ, यह दुनिया तेरा बसेरा माँ

मैं घबराया, मैं ना सोया, जब-जब याद तू आई माँ।

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