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“इतनी नफरत लेकर कहां जाओगे”

फोटो साभार- सोशल मीडिया

फोटो साभार- सोशल मीडिया

इतनी नफरत लेकर कहां जाओगे

क्या अपने भगवान 

  या  खुद अपने से

नज़र मिला पाओगे तुम?

 

जानती हूं 

दर्द से रीस रहे हो

ज़िन्दगी की कड़वाहट से

झुलस रहे हो

ऊंच नीच के अंतर

से तड़प रहे हो।

इतनी नफ़रत लेकर जी रहे हो तुम।

 

कोई दवा कोई उपचार 

ढूंढ रहे हो,

भगवान के दर

 जो न्याय ना मिला

शैतान हृदय से छीन रहे हो।

 

पर क्या खून से

बुझेगी तुम्हारी कड़वी प्यास?

 दूसरे की दर्दनाक चीख 

में मिलेगा तुम्हारे दर्द को

वनवास?

 

आग लगाकर

मिलेगा तुम्हारे झुलसे आस्तित्व

को ऐहित्राम?

 

बहती लाल करहाटों में

है क्या तुम्हारे ज़ख्मों की बाम?

अपने भगवान से 

उनके अल्लाह 

या ईसा मसीह

किस से नाराज़ हताश हो तुम?

 

भूल गए सब एक ही हैं

नाम जुदा हुए तो क्या

खून एक ही है इंसान का।

गर नहीं ये मंज़ूर तुम्हें तो

कर पाओगे अलग 

हर कतरा जो है बहाया

 हिन्दू भाई से

 मुसलमान का?

 

तो जाओ पहले कतरा-कतरा बांटो

अपने दर्द से

उनके दर्द को छांटो,

अम्मी से माँ के आंसू 

अलग करो

करहाटो से।

 

 दीदी आपा को जुदा करो

अनाथ के डर को 

आंचल व हिजाब

से पहचान

आंखो में उनकी  दहशत को।

 

हिन्दू  मुसलमान के 

तराज़ू में तोल अलग करो

जब ये अलगाव कर सको

जब खून का रंग बदल सको

जब कराहटों से धर्म मुकरर कर सको

जब दर्द का मज़हब से रिश्ता जोड़ सको 

सिर्फ तब, हां तब ही।

 

पहनाना अपने खोए आस्तित्व को 

पहचान का जामा

तब ही जलाकर मस्जिद

तुम अपने मंदिर में जाना

 तब अपनों को उनके 

कपडों की पहचान

 से अपनाना।

 

भूखे पेट में तब ही तुम

हिन्दू निवाला ले जाना

हर लड़की औरत को जिस दिन

इज़्जत की नज़र से सलाम कर सको

उनके जीने पर ऐतबार जब तुम ना करो।

 

उनकी पहचान को अपना मोहताज ना समझो

 तब अपने भगवान से आंख मिला 

अपनी जीत का जश्न मनाना

तब ही जय श्री राम के नारे लगा

सीता मैया के चरण में समाना।

 

मगर क्या ये सब कर पाओगे तुम?

खुद को खुद से मिला पाओगे तुम?

खुद को आइना दिखा पाओगे तुम?

नफ़रत से खुद को जलने से बचा पाओगे तुम?

अपनी औलाद को प्रेम का मतलब सीखा पाओगे तुम?

 

 क्या अपने भगवान से नज़र मिला पाओगे तुम?

इतनी नफ़रत लेकर 

अपनी दुनिया सजा पाओगे तुम? 

कहां जाओगे तुम?

 

किसी मंदिर में अपना पाप छिपा पाओगे तुम?

इतनी नफ़रत लेकर कहां जाओगे

क्या अपने भगवान और खुद अपने से

नज़र मिला पाओगे तुम?

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