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अन्य राज्यों में फंसे बिहारियों को लेकर नीतीश कुमार को बिहार युवा काँग्रेस अध्यक्ष का खुला पत्र

नीतीश कुमार

नीतीश कुमार

श्री नीतीश कुमार,

मुख्यमंत्री, 

बिहार सरकार, पटना- 1

महोदय,

मैं आपको यह पत्र उन हज़ारों बिहारी भाई-बहनों की ओर से लिख रहा हूं जो आशा एवं उम्मीदों के साथ अपने साथी बिहारी स्टूडेंट्स एवं प्रवासी मज़दूरों का इंतज़ार कर रहे हैं। मीडिया के माध्यम से हमें पता चला कि आपने प्रधानमंत्री जी के समक्ष इन्हें वापस लाने की अनुमति की मांग की थी और केंद्र सरकार ने उसे मान लिया है।

इसके लिए आपको बधाई। इससे हम सभी को एक उम्मीद की किरण बंधी थी कि अब आपकी सरकार इन्हें वापस ले आएगी लेकिन जो उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का बयान आया कि सरकार इन्हें लाने में सक्षम नहीं है, जो कि बिहार के 12 करोड़ लोगों की उम्मीदों को तोड़ने वाला था।

मैं इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान फिर इस ओर आकर्षित करना चाहूंगा कि ये छात्र-छात्राएं काफी मुश्किल में हैं। इन सभी को मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ रहा है। मज़दूर भाई-बहनों को दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।

आखिर हम इन सभी को भगवान भरोसे तो नहीं छोड़ सकते ना? आप इस प्रदेश के मुखिया हैं, हम सभी के अभिभावक हैं। कृपया हम सभी को दिशा दिखाइए। अगर संसाधन नहीं है तो हम सब भीख मांगकर भी संसाधन जुटाएंगे लेकिन इन्हें वापस तो लाना ही पड़ेगा।

जब मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें कोटा में फंसे अपने-अपने राज्यों के स्टूडेंट्स को अपने राज्य वापस ले जा सकती है, जब बिहार सरकार के सत्तारुढ़ दल के विधायक के बेटे को कोटा से बिहार लाने की अनुमति राज्य सरकार दे सकती है तो फिर आम बिहारी स्टूडेंट्स को वापस क्यों नहीं लाया जा सकता?

जब स्टूडेंट्स को वापस लाया जा सकता है, तो गरीब और मज़लूम प्रवासी बिहारी मजदूरों, कामकाजी श्रमिकों का क्या गुनाह? प्रधानमंत्री के सामने एक नीति का स्वांग रचने वाले नीतीश कुमार तब कहां थे, जब उनके ही विधायक को नियमों को ताक पर रखकर उनकी सरकार ने पास उपलब्ध कराया था? अब तो केंद्र सरकार से भी अनुमति मिल चुकी है।

मुख्यमंत्री जी! हमने आपसे वादा किया था कि संकट की इस घड़ी में हम सरकार के साथ हैं और हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं। मैं आपको बताते चलूं कि बिहार की जनता सिर्फ इनकी वापसी चाहती है। बिहार युवा काँग्रेस को राज्य के हर कोने से हज़ारों मिस्ड कॉल प्राप्त हुए हैं और यह संख्या लगातार बढती ही चली जा रही है।

अगर सरकार इन स्टूडेंट्स को लाने में सक्षम नहीं है तो आपसे करबद्ध निवेदन है कि कृपया बिहार युवा काँग्रेस को अनुमति दी जाए और हम इन्हें वापस लेकर आएंगे। आज एक अखबार में भी आपका बयान पढ़ा जिसमें आपने बोला है कि आपको कोई दिक्कत नहीं अगर कोई इन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचा दे। बिहार युवा काँग्रेस कमेटी यह दायित्व उठाने को तैयार है।

आपका भवदीय,

गुंजन पटेल, अध्यक्ष (बिहार युवा काँग्रेस)

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