जब में पांचवी कक्षा मे थी मेरी एक क्लास की लड़की ने पूछा मुझसे MC क्या होता है जानती है मैंने उसे जबाव दिया हाँ वही ना जो ABCD में आते हैं वही तो होता है। घर पर आकर बताया मम्मी को तो वही मम्मी का जबाव की जिसने पूछा उससे दूर रहना। बस वो बात वहीँ खत्म होगई थी। मगर पता नहीं था मुझे की वो मेरी जिंदगी का एक अहम हिस्सा। और वो मेरी जिदंगी से कुछ ही सालो मे जुड़ भी जाएगा। तो हुआ यूं कि मैं थी आठवीं कक्षा में और उस दिन रविवार था । मैं जब उठी तो मेरे पेट में दर्द होने लगा मुझे लगा ऐसे ही हो रहा है हो जाएगा ठीक। मगर ऐसा नहीं हुआ वो दर्द बढ़ता ही गया, में जमीन पर लेट गई और जब थोड़ी देर बाद देखा मेरे चारो तरफ खून खून होगया में डर गई क्योंकि जो मेरे साथ हो रहा था में उससे बिल्कुल अनजान थी। मम्मी ने देखा मुझे और तब मुझे उठाया और पानी दिया नहाने के लिए उसमे गोबर मिला कर थोड़ा मैंने सोचा कि क्या है ये तो बताओ पहले मम्मी ने कुछ नहीं बोला और चुप रहने के कहा। में भी चुप होगी मगर मेरी उम्र के साथ साथ इस माहवारी के विषय में जिज्ञासा भी बढ़ती गयी मगर किसी ने बताया ही नहीं होता क्या है। कई बार घर में भी पूछने की कोशिश की मगर कहिं से कोई उम्मीद नहीं आयी नज़र।
मगर आज मुझे ऐसा लगता है कि पहले से जानकारी देना काफी बेहतर है क्यूंकि पता तो चलेगा कि हो क्या रहा है हमारी शरीर के साथ क्या बदलाव हो रहे हैं
तो बस यहि थी मेरी स्टोरी.