इस वक्त कोरोनावायरस के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। तीसरे चरण की समाप्ति के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च के बाद पांचवी बार 11 मई को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के चौथे चरण के नियमों को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए बातचीत की थी।
लॉकडाउन 4.0 में अपने नियम खुद तय करेंगे राज्य
इसमें उन्होंने सभी राज्यों को अपने-अपने राज्यों की परिस्थितियों के अनुकूल प्रस्ताव देने के लिए समय दिया। जिसके बाद 18 मई को चौथे चरण के दिशा-निर्देश जारी किए गए। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी राज्य सरकारें अपने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का फैसला खुद करेंगी।
इसी क्रम में दिल्ली सरकार ने मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया लेकिन दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। दिल्ली में कड़े निर्देशों के साथ बहुत-सी सेवाएं धीरे-धीरे खोली जा रहीं हैं।
- दिल्ली में सभी दुकानें सप्ताह में ऑड-ईवन नियम के तहत खुलेंगी लेकिन ज़रूरी सेवाओं की दुकानें हर दिन खुली रहेंगी।
- साथ ही बसों, ऑटो-रिक्शा और कैब को चलाने की अनुमति भी दे दी गई है।
- बसों में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सिर्फ 20 यात्रियों को बैठने की अनुमति होगी। बस स्टैंड पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन परिवहन पुलिस करवाएगी।
- ऑटो में सिर्फ एक सवारी बैठाने की अनुमति है, वहीं कैब में चालक के अलावा दो सवारी पीछे की सीट पर बैठ सकते हैं।
- घर से निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
- रेस्टोरेंट बंद रहेंगे लेकिन खाने की होम डिलीवरी जारी रहेगी।
दिल्ली को पड़ रही है पैसे की ज़रूरत
लॉकडाउन के बाद दिल्ली की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा,
“सरकार को डॉक्टर इंजीनियर, टीचर्स और तमाम कर्मचारियों को तनख्वाह देनी है। दिल्ली को हर महीने करीब 3500 करोड़ की ज़रूरत होती है लेकिन पिछले महीने 500-600 करोड़ रूपये ही आए थे और इस महीने भी अभी तक सिर्फ 400 करोड़ ही रुपए आए हैं। ऐसे में हम कर्मचारियों को तनख्वाह भी नहीं दे पाएंगे।”
उन्होंने बताया कि राज्यों को जो केंद्र की तरफ से आपदा प्रबंधन के लिए मदद मिलती है उसमें दिल्ली को शामिल नहीं किया जाता है। इसलिए इन संकंच के बीच भी हमें दिल्ली के लिए रास्ते निकालने पड़ेंगे।
विपक्ष कर रहा है विरोध
इस वक्त दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले 10 हजार के आंकड़े को पार कर चुके हैं। ऐसे में इस तरह दुकानों को खोलने और बसों को चलाने का विपक्ष विरोध भी कर रहा है। पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने राज्य सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
इस पर मनीष सिसोदिया ने कहा, “गौतम गंभीर जी के मन में कुछ और समाधान है तो वह भी हमको बताएं। हमने तो सब से पूछा है।” उन्होंने बताया कि सुझावों के लिए दिल्ली के सीएम ने गौतम गंभीर से बात भी की थी।
एक बात तो तय है कि लॉकडाउन के कारण राज्य सरकारों को ही नहीं आम आदमी को भी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, अगर सावधानी और अनुशासन के साथ कुछ आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा रही हैं तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए यह जरूरी है कि जनता प्रशासन का सहयोग करे।