फिल्म हो या वेब सीरीज़ या फिर कुछ और जो उसका जॉनर है, उसे उस रूप में ही व्यवहार करना चाहिए। कहने का तात्पर्य है कि यदि जॉनर हॉरर हो तो दर्शकों को डर लगना चाहिए।
यदि जॉनर थ्रिलर हो तो रोमांच आना चाहिए और यदि कॉमेडी हो तो हंसी आनी चाहिए। नेटफ्लिक्स ने इस सिद्धांत की ही ऐसी-तैसी कर दी है।
हॉरर के नाम पर मज़ाक
बेताल एक हॉरर जॉनर की वेब सीरीज़ है मगर इसको देखने में आपको रत्ती भर भी डर नहीं लगेगा। निलजा आदिवासियों का एक गाँव है जिसे कथित तौर पर सिविलाइज़्ड किया जाना है। साथ ही पास की गुफा से होते हुए एक हाईवे को इस गाँव से जोड़ना है।
यह गुफा अंग्रेज़ों के ज़माने से ही बंद है। गाँव वाले इस गुफा को खोलने का विरोध करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि गुफा को खोलने से उसमें से एक अदृश्य शक्ति बाहर आ जाएगी जो पूरे देश को बर्बाद कर सकती है।
आदिवासियों के विरोध को कौन सुनेगा?
आदिवासियों के विरोध को कौन सुने! उन्हें वही सम्मानित ‘नक्सल’ कहकर बाज़ स्क्वाड की मदद से रास्ते से हटा दिया जाता है। यही बाज़ स्क्वाड गुफा को खोलने के लिए जब आगे बढ़ती है, तब बेताल नामक एक अदृश्य शक्ति जो कोई और नहीं, बल्कि एक ब्रिटिश कर्नल है, वह स्क्वाड पर हमला कर देता है।
अब क्या बाज़ स्क्वाड इस अदृश्य शक्ति से जीत पाएगी या बेताल इन्हें तहस-नहस कर देगा? इस गुफा में बाज़ स्क्वाड को किन-किन डरावनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा? यह स्क्वाड अपने मकसद में कामयाब हो पाएगी या इनका एक बुरा अंत हो जाएगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको बेताल देखने के बाद मिलेंगे।
कहानी बे सिर-पैर की
कुल 4 एपिसोड की इस वेब सीरीज़ में आपको ना कोई कहानी दिखेगी, ना कोई एक्टिंग और ना ही कोई डायलॉग। यानी कि पूरी की पूरी सीरीज़ ही बकवास है।
इसके जॉनर के मुताबिक आपको ज़रा भी डर देखने को नहीं मिलेगा। एक बिना सिर-पैर की कहानी को दर्शकों के सामने परोस दिया गया है।
लॉकडाउन की वजह से लोग पहले से ही परेशान हो रहे हैं, अब इसे देखकर तनाव में ना चले जाएं। राइटर पैट्रिक ग्राहम ने कहानी इतनी कमज़ोर लिखी है कि मुक्काबाज़ वाले विनीत कुमार से लेकर अहाना कुमरा और सुचित्रा पिल्लई सबके सब ने अपने थर्ड क्लास की बनावटी एक्टिंग से दर्शकों का ब्लड प्रेशर बढ़ा दिया है।
निर्देशन और बैकग्राउंड स्कोर तो सुबहान अल्लाह
निर्देशक, दर्शकों में ना कोई डर पैदा कर पाते हैं और ना ही बैकग्राउंड म्यूज़िक इम्प्रेस करता है। पूरी वेब सीरीज़ की शूटिंग गुफा यानी अंधेरे में की गई है और ऊपर से कैमरा वर्क सब गुड़-गोबर कर देता है।
शाहरुख खान के रेड चिलीज़ का पैसा भले ही निकल जाए मगर इसके बाद रेड चिलीज़ का नाम खराब तो होने ही वाला है कि क्या सोचकर इस पर पैसा लगा दिया। अगर लॉकडाउन ने आपका ज़्यादा कुछ नहीं बिगाड़ा है तो बेताल अपने रिस्क पर देख लीजिए।