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#BoisLockerRoom में नाम आने वाली लड़की ने इंस्टाग्राम पर नहीं बल्कि Snapchat पर की थी लड़के से बात

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BoisLockerRoom

“Lets Do It. Call her. I will Come whenever u say. And ek do aur boys ko I will call. We will together gangrape her”

किसी ‘सिद्धार्थ’ के नाम से भेजे गए इन मैसेजेस को जब सोशल मीडिया पर वायरल किया गया तो उसके साथ-साथ लड़कों के मानसिकता पर सवाल उठने लगे और उठने लाज़मी भी थे।

यह एक मानसिकता है जो किसी की भी हो सकती है

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ग्रुप्स में जिस तरह की बातें हो रही है उस पर चिंता जाहिर करना ज़ायज था। लेकिन इस पूरे मुद्दे को एक तरफा करके लड़कों को टारगेट किया गया। इसी बीच इंस्टाग्राम पर एक लड़के के खिलाफ #MeToo पोस्ट लिखी गई। इससे परेशान होकर उस लड़के ने आत्महत्या कर ली।

सोशल मीडिया के इस दौर में मानसिक रूप से जो दवाब बनाया जाता है उसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। एक ऐसा माहौल बना दिया जाता है जैसे दोष केवल एक पक्ष का ही था।

किसी ने भी यह सोचने की कोशिश नहीं की कि यह मुद्दा लड़का और लड़की से जुड़ा नहीं है, बल्कि सोच और मानसिकता की बात है। यह मानसिकता लड़का हो या लड़की दोनों में से किसी की भी हो सकती है, जिसके बाद वो बॉयज लाकर रूम और गर्ल्स लॉकर रूम बनाकर ऐसी बातें कर रहे हैं जिसकी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से उम्मीद तक नहीं की जा सकती है।

‘सिद्धार्थ’ नाम की आईडी लड़के की नहीं लड़की थी

जिस ‘सिद्धार्थ’ नाम के लड़के के चैट का जिक्र ऊपर किया गया और जिसकी वजह से पूरा विवाद हुआ। वो बातें सिद्धार्थ नाम के लड़के ने की ही नहीं थी, बल्कि एक लड़की ने सिद्धार्थ नाम से फेक आईडी बनाकर वो सारी बातें एक लड़के से की थी।

इसमें सबसे ज़रूरी बात यहां यह है कि ये सारी बातें इंस्टाग्राम पर #BoisLockerRoom चैट ग्रुप में नहीं बल्कि स्नैपचैट पर हुई थी। जिसका स्क्रीनशॉट बॉयज लॉकर रूम ग्रुप में डाला गया था।

हाल में किए गए जांच के मुताबिक पुलिस का कहना है कि बॉयज लाकर रूम विवाद में लड़को को बुलाकर गैंग रेप करने वाली बात किसी लड़के नहीं बल्कि एक लड़की ने लड़के का चरित्र जानने के उद्देश्य से फेक अकाउंट बनाकर की थी।

दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम यूनिट के मुताबिक एक नाबालिक लड़की ने सिद्धार्थ के नाम से अपना एक फेक अकाउंट बनाकर यह बात की और उसने ऐसा इसलिए किया क्योकि वो लड़को के वैल्यूज और करैक्टर जानना चाहती थी।

इस बात को भी समझना जरुरी है कि उस ने लड़की बॉयज लाकर रूम का जिक्र सोशल मीडिया पर नहीं किया बल्कि किसी और लड़की ने इन चैट्स को वायरल किया। इसके बाद पूरे सोशल मीडिया में यह बहस शुरू हुई की लड़के ऐसे ग्रुप्स बनाकर लड़कियों के साथ गैंगरेप करने की बात तक सोच रहे हैं।

दोनों पहलूओं पर करनी होगी बात

कितनी आसानी से मुद्दा बनाया जा सकता है और किसी एक तरफ खड़े होकर यह कहा जा सकता है देखो कैसे मानसिकता है। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और अगर हम एक पहलू को छोड़कर एक को पकडे रहेंगे तो समस्या का हल ढूढ़ना मुश्किल हो जायेगा।
समस्या लड़के और लड़कियों की नहीं बल्कि एक मानसिकता का है।

समस्या यह है की स्कूल से लेकर कॉलेज तक बहुत सरे ऐसे ग्रुप्स हैं जहां अश्लीलता फैलाई जाती है जिसको कभी ह्यूमर कह दिया जाता है और कभी मजाक जिसमे लड़के और लड़कियां दोनों शामिल होते हैं। जब विवाद बड़ा हो जाता है तो फिर एक लॉबी और एक ग्रुप हमेशा एक तरफा हो जाता है जिससे मुद्दे के कई अहम पहलू छूट जाते है।

यह बात सही है की कुछ लड़कों की सोच और मानसिकता ऐसी है जिसकी वजह से महिलाओं के साथ हिंसा और दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन जैसे फेक अकाउंट बनाकर ऐसी बातें करने वाली लड़की की तरह ही सारी लड़कियां नहीं होती हैं, उसी तरह ऐसा करने वाले लोगों की वजह से सभी को दोषी ठहराने वाली मानिकता से भी हमें बचना चाहिए।

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