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व्यंग: शराब खरीदकर देश की अर्थव्यवस्था बचा रहे इकोनॉमिक वॉरियर का इंटरव्यू

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देश एक मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। हम सब नौकरी से लेकर जान तक गंवा रहे हैंं लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है, जो अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में लगा हुआ है। वो अपने लड़खड़ाते कदमों से अर्थव्यवस्था को सीधा खड़ा करने की कोशिश कर रहा है।

जी हां, अब आप समझ ही गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं अपने इकोनॉमिक वॉरियर्स संगठन की। ये आज किसी और के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए पी रहे हैंं। ये अपना सहयोग देश की अर्थव्यवस्था के लिए कर रहे हैं।

अगर आप पी नहीं सकते तो कम-से-कम शाम 6 बजे 6 मिनट के लिए इनके नाम पर चखना ही खा लीजिए, इससे इन्हें प्रेरणा मिलेगी लेकिन ध्यान रखिए कि आपलोग इतना भी चखना मत खा लीजिएगा कि इन्हें नमक के साथ दारू पीनी पड़े। तो आप सहयोग की तरफ बढ़िए और हम अब हम सवालों की ओर बढ़ते हैं।


सवाल- नमस्कार जी।

जवाब- नमस्कार नमस्कार।

सवाल- आप दारू के लिए इतनी लंबी लाइन में क्यों लगे?

जवाब- आप भी तो लगे थे 8 नवंबर के बाद, अपना भूल गए? हम अपने लिए नहीं देश के लिए लाइन में लगे हैं और ऐसे बलिदान देश के लिए देते रहेंगे।

सवाल- आप देश का कौन सा काम कर रहे हैं ऐसे?

जवाब- हम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, क्योंकि पैसा होगा तभी तो आपकी सरकार चलेगी या बिना पैसे के चला लोगे आप क्या?

सवाल- तो आपको हम देशभक्त बोलें?

जवाब- नहीं जी, आप हमें इकॉनोमिक वॉरियर्स बोलो क्योंकि हम अर्थव्यवस्था को बचा रहे हैं। जैसे कोरोना वॉरियर्स देश को कोरोना से बचा रहे हैं बिल्कुल वैसे।

सवाल- लेकिन आप लोग लाइन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर हैं, ऐसा क्यों?

जवाब- या तो हम देश की अर्थव्यवस्था बचा लें या खुद की जान। अगर हम सब पालन करने लगें तो होश वाले क्या करेंगे और हम देश के लिए यह सब कर रहे हैं। तो आप इस पर सवाल नहीं उठा सकते समझ गए ना। हमारा संगठन राष्ट्रवादी है।

सवाल- लोग कह रहे हैं कि आपके पास दारू का पैसा है लेकिन टिकट का नहीं?

जवाब- देखिए जी, ऐसे तो मैं भी बोल सकता हूं कि आपके पास मूर्ति के लिए पैसा है लेकिन गरीब के लिए नहीं।

सवाल- जब ठेके बंद थे, तब आप कैसे सहयोग करते थे?

जवाब- वैसे ही जैसे ब्लैक मनी वाले पार्टी में चंदा देकर करते हैं, हम भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए ब्लैक में दारू लेते थे। 300 वाली 900 में और यह सब हम अपने लिए नहीं, बल्कि देश के लिए कर रहे हैं।

सवाल- दिल्ली सरकार ने दारू पर 70% टैक्स लगा दिया तो अब आप क्या करेंगे?

जवाब- टैक्स लग गया तो क्या अब देश की सेवा छोड़ दें? इस मरी हुई इकोनॉमी को उठाना छोड़ दें? सुनिए जी, चाहे टैक्स लगे या कुछ, हम देश सेवा नहीं छोड़ेंगे। हम देश की अर्थव्यवस्था के लिए 70% क्या 100% टैक्स लग जाए, तब भी दारू पिएंगे। ये हमारे संगठन का वादा है आपसे।

सवाल- दारू पीना तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है ना?

जवाब- तो सरकार ने ठेके क्यों खोले हैं? और दारू पीना भले ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए बहुत लाभदायक है। हम अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए जान की बाज़ी लगा देंगे।

तो आप इनकी मेहनत देख ही रहे हैं। मेरी आंखों से आसूं आ गई इनकी बातें सुनकर। इन्होंने हमें यह भी दिखा दिया कि ये बिना दारू के भी रह सकते हैं लेकिन सरकार बिना ठेके खोले नहीं रह सकती है।

ये अपनी जान पर खेलकर देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। आप इन लोगों का साथ दीजिए और अपने घरों में रहिए।

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