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ऑनलाइन ट्रेनिंग के ज़रिए सीखें ये ज़रूरी स्किल्स, जिससे जॉब पाने में होगी आपकी मदद

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सीखें ऑनलाइन कुछ ज़रूरी स्किल्स

डिजिटलाइज़ेशन और ऑटोमेशन की प्रगति ने भारतीय रोज़गार क्षेत्र में कई बदलाव लाए हैं, जिसके चलते शिक्षा आदान-प्रदान करने के तरीकों में भी उन्नति हुई है। किसी भी उद्योग में सफल होने के लिए, डिग्री, प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस, और डोमेन-विशिष्ट कौशल की समझ निश्चित रूप से ज़रूरी हैं लेकिन कुशलता से तकनीक का उपयोग करने और अपनी डोमेन स्किल्स को इस्तेमाल करने के लिए, किसी भी कंपनी में नौकरी करने से पहले अपनी सॉफ्ट स्किल्स पर पकड़ मजबूत करना बेहद महत्वपूर्ण है।

पहले, फ्रेशर्स के पास इंटरव्यू के दौरान बात करने के लिए केवल डिग्री, कुछ कॉलेज असाइनमेंट, और प्रोजेक्ट होते थे लेकिन अब, इंटर्नशिप, ऑनलाइन ट्रेनिंग और कौशल-आधारित शिक्षा जैसे कॉन्सेप्ट ने परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। आजकल इंटरव्यू के दौरान फ्रेशर्स से भी पूर्व कार्यानुभव रखने और नौकरी के लिए आवश्यक सॉफ्ट स्किल्स से परिपूर्ण होने की उम्मीद की जाती है।

आज के युग में होना पड़ेगा मल्टीटैलेन्टेड

आज के युग में एक उपयुक्त कर्मचारी से ऐसी उम्मीदें रखना महत्वपूर्ण हैं क्योंकि रोबोट और ऑटोमेशन की सहायता से दैनिक कामों को आसानी से पूरा किया जा सकता है लेकिन एनालिटिकल थिंकिंग, कम्युनिकेशन, एक्टिव लर्निंग, और क्रिएटिविटी जैसी सॉफ्ट स्किल्स ही कंपनियों में कर्मचारियों के मूल्य को बनाए रखती हैं।

नियोक्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए स्टूडेंट्स को सॉफ्ट स्किल्स पर अपनी पकड़ मजबूत बनानी होगी और ऐसा करने के लिए ई-लर्निंग सबसे सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। सेल्फ-कंट्रोलेबल लर्निंग पेस और वास्तविक दुनिया के उदाहरणों से परिपूर्ण, ऑनलाइन ट्रेनिंग बिना समय व्यर्थ किए सर्वोत्तम शिक्षण और सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट सुनिश्चित करती है।

सीखिए ऑनलाइन कुछ ज़रूरी स्किल्स

आइए जानते हैं कुछ इन-डिमांड सॉफ्ट स्किल्स के बारे में, जिन्हें आप ऑनलाइन ट्रेनिंग्स के द्वारा डेवेलप कर सकते हैं।

एनालिटिकल थिंकिंग

विभिन्न समस्याओं का सही समाधान खोजने के लिए एनालिटिकल थिंकिंग बहुत ज़रूरी है। डेटा और इनफार्मेशन एनालिसिस, एनालिटिकल थिंकिंग के सबसे आवश्यक भागों में से एक हैं जिन्हें ऑनलाइन ट्रेनिंग के माध्यम से डेवलप किया जा सकता है। हर दिन, संगठनों को बड़ी मात्रा में डेटा को मैनेज करना पड़ता है।

कंपनियों को इस डेटा को हर घडी ऐनालाइज़ करना पड़ता है ताकि वे अपने बिज़नेस की वृद्धि या गिरावट पर नज़र रख सकें और प्रगति के लिए नई रणनीतियां बना सकें। यही कारण है जिसके चलते बड़ी मात्रा में डेटा को संभालने, उपस्थित डेटा से ज़रूरी जानकारियां एकत्रित करने, और डेटा पर आधारित सही निर्णय लेने में सक्षम लोगों की हर कंपनी में एक अहम भूमिका होती है।

अच्छी एनालिटिकल स्किल्स इंटरव्यू के दौरान अन्य आवेदकों के बीच आपके चुने जाने की संभावना को बढ़ाती है। एनालिटिकल स्किल्स को मजबूत करने के लिए डेटा साइंस और एडवांस्ड एक्सेल जैसी ऑनलाइन ट्रेनिंग्स मददगार साबित होती हैं। डेटा साइंस ट्रेनिंग आपको सीएसवी फाइल पढ़ना व ऑपरेटर्स, वेरिएबल्स, डिक्शनरीज़, फंक्शन्स, और डेटा स्ट्रक्चर्स को समझना सिखाती है।

इसके अलावा, ट्रेनिंग डेटा डिस्ट्रीब्यूशन, प्रोबेबिलिटी, डेटा स्टेटिस्टिक्स और टेस्टिंग के टाइप्स को समझने तथा डिस्क्रिप्टिव स्टैट्स व इन्फेरेंशियल स्टैट्स जैसे कॉन्सेप्ट्स का ज्ञान प्राप्त करने में आपकी सहायता करती है। इसी तरह एडवांस्ड एक्सेल ट्रेनिंग में आप फार्मूला, फंक्शन्स, लुकअप फंक्शन्स, और डेटा वेलिडेशन जैसे कॉन्सेप्ट्स को गहराई से समझते हैं। अंततः ट्रेनिंग की सहायता से आप अपनी एनालिटिकल थिंकिंग को डेवलप कर एक्सेल डेटा को प्रभावी तरीके से ऑटोमेट, ऐनेलाइस और प्रेज़ेंट करना सीखते हैं।

प्रॉब्लम सॉल्विंग

हम सभी अपने जीवन में कई समस्याओं से निपटते हैं चाहे वे छोटी हों या बड़ी। अंततः केवल एक चीज जो हमें सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है, वह है इन समस्याओं को ऐनालाइज़ करने और उनका समाधान खोजने की हमारी क्षमता।

संकट की किसी भी स्थिति के दौरान नियोक्ता हमेशा उन कर्मचारियों पर निर्भर होते हैं जो ज़मीनी स्तर से परेशानियों को हल करने की क्षमता रखते हों। वेब डवलपमेंट, कोर जावा, एंगुलर, और एंड्रॉइड ऐप डवलपमेंट जैसी ऑनलाइन प्रोग्रामिंग ट्रेनिंग्स आपकी प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल को मजबूत बनाती हैं।

प्रोग्रामिंग एक ऐसा क्षेत्र है जहां आपके प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स को काफी महत्व दिया जाता है। प्रोग्रामिंग ट्रेनिंग में कोडिंग सीखने के दौरान आप कम्प्यूटेशनल थिंकिंग डेवेलप करते हैं तथा जटिल चीज़ों को आसान कोड्स के द्वारा सुलझाना सीखते हैं। एक आकर्षक वेबसाइट एक झलक में निश्चित रूप से उपयोगकर्ताओं को खुश कर सकती है, लेकिन जब तक यह उनकी किसी समस्या जैसे कि खरीददारी करना, भोजन खरीदना, या पार्सल की शिपिंग करना को हल नहीं करती, तब तक ऐसी वेबसाइट का कोई लाभ नहीं है।

किसी भी प्रोग्रामिंग ट्रेनिंग में एनरोल करना आपको न केवल कोडिंग के दौरान, बल्कि आपके दिन-प्रतिदिन के कार्यों में भी कई समस्याओं को गहराई से पहचानने, उन्हें एनेलाइज़ करने, उन्हें सुलझाने की योजना बनाने, और समस्याओं को आसानी से हल करने की अनुमति देता है।

क्रिएटिविटी

ऑटोमेशन ने दुनिया में पर्याप्त टेक्निकल एफिशिएंसी ला दी है लेकिन क्रिएटिविटी एक ऐसा सेगमेंट है जहां मानव भागीदारी हमेशा आवश्यक होगी। आज प्रत्येक कंपनी के कई प्रतियोगी हैं और इस भीड़ में अपने ग्राहकों के आकर्षण का केंद्र बनने के लिए कंपनियों को क्रिएटिव होने की अत्यंत आवश्यकता है। इसलिए, नियोक्ता आमतौर पर उन लोगों की तलाश करते हैं जो बिज़नेस को चलाने के नए तरीके सोचकर उसे नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें।

छात्र ऑटोकैड जैसी ऑनलाइन ट्रेनिंग्स में एनरोल कर अपनी क्रिएटिविटी को पॉलिश कर सकते हैं। यह ट्रेनिंग आपको लाइन्स, पॉइंट्स, सर्कल्स, आर्क्स, और शेप्स पर बारीकी से काम करने के साथ-साथ लेयर्स के अहम कॉन्सेप्ट्स पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने में सहायता करती है।

ट्रेनिंग में एक इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट होता है जहां आप 2D ड्राफ्ट्स और 3D मॉडल्स पर काम कर नई और क्रिएटिव डिज़ाइंस बनाते हैं। चाहे आप एक आर्किटेक्चरल, मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हों, हर नई योजना के लिए आपको पहले से ज़्यादा रचनात्मक होना पड़ता है। ऑटोकैड के अलावा डिजिटल मार्केटिंग जैसी ऑनलाइन ट्रेनिंग्स भी आपकी क्रिएटिविटी को तेज़ी से डेवलप करने में सहायक साबित होती हैं।

ऐसी ट्रेनिंग्स में आपकी क्रिएटिव स्किल्स तब पॉलिश होती हैं जब आप विभिन्न डिजिटल मार्केटिंग कैम्पेन्स प्लान करते हैं और उन्हें एक्सीक्यूट करते हैं। इन सब से परे ऑनलाइन ट्रेनिंग्स आपकी सोच को डेवलप कर क्रिएटिव तरीकों से अपने दैनिक कामों को पूरा करने में आपकी सहायता करती हैं।

इन सभी कौशलों से कर सकत हैं अपने काम को बेहतर

इन सभी कौशलों का उपयोग तब होता है जब आप असाइनमेंट, असेसमेंट टेस्ट्स, कोड चैलेंजेस, क्विज़, एक्सरसाइजेस, और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं, जो हर ऑनलाइन ट्रेनिंग में सम्मिलित होते हैं। ई-लर्निंग इस तरह के प्रैक्टिकली एडवांस्ड सोल्युशंस के द्वारा ना केवल विभिन्न सॉफ्ट स्किल्स सीखने बल्कि उन्हें इम्प्लीमेंट और टेस्ट करने में भी आपकी सहायता करती हैं।

फ्रेशर्स के लिए सॉफ्ट स्किल्स की समझ अत्यंत आवश्यक है क्योंकि उस पायदान पर जब उनके पास कोई वर्क एक्सपीरियंस नहीं होता तब इंटरव्यू के दौरान उन्हें उनकी सॉफ्ट स्किल्स के बेसिस पर ही शॉर्टलिस्ट किया जाता है।

लेखक के बारे में: सर्वेश अग्रवाल, इंटर्नशाला के संस्थापक और सी.ई.ओ. हैं। इंटर्नशाला, एक इंटर्नशिप व ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म हैं। (Internshala.com)

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