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भारत का वह परमाणु परीक्षण जिसकी भनक अमेरिकी जासूसों को भी नहीं लगी थी

आज भारत में ‘नैशनल टेक्नोलॉजी डे’ मनाया जा रहा है ताकि बदलते वक्त के साथ तकनीक के क्षेत्र में हम उन्नति कर पाएं। 11 मई, 1998 को भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया था। इसके अलावा 1 स्वदेशी विमान ‘हंसा-3’ को बंगलौर में उड़ाया गया था।

भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सबसे शक्तिशाली दिन

पहला परमाणु परीक्षण 18 मई 1974 को पोखरण में प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में किया गया था। पोखरण  के दौरान राजस्थान के जैसलमेर स्थित पोखरण की ज़मीन इस बात की गवाह बनी थी कि भारत को कम आंकने वाले दरअसल धोखे में हैं।

इस दिन ज़बरदस्त परमाणु परीक्षण कर भारत ने दुनिया को चौंका दिया था। इस परीक्षण से सबसे ज़्यादा हैरत तो अमेरिका को हुई थी, क्योंकि इन्हीं दिनों वो अपनी सैटेलाइट स्पाई के ज़रिये भारत में हो रही हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए था।

इसी दिन भारत ने पोखरण में अपना परमाणु परीक्षण किया और भारत एक परमाणु शक्ति बन गया। भारत ने  विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था।

भारत को हल्के में लेना पूरी दुनिया की भूल थी। इस परीक्षण के बाद पूरी दुनिया भारत की शक्ति से परिचित हुई। आज का दिन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए सबसे शक्तिशाली दिन माना जाता है।

गोपनीय तरीके से किया गया था परीक्षण

पोखरण परमाणु परीक्षण के दौरान अटल विहारी वाजपेयी। फोटो साभार- सोशल मीडिया

इस परीक्षण के बाद दुनिया पर भारत ने अपना लोहा मनवाया। इस परमाणु परीक्षण की तैयारी इतनी गोपनीयता और कुशल रणनीति के साथ की गई थी कि अमेरिकी सैटेलाइट भी गच्चा खा गए थे।

कुछ वैज्ञानिकों समेत गिने-चुने लोगों को ही इसकी जानकारी थी लेकिन सभी ने अपना काम बड़ी कुशलता के साथ किया था। इस टीम के अलावा सरकार के कई वरिष्‍ठ अधिकारियों, मंत्रियों तक को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

यह परीक्षण डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व के कारण सफल रहा था।

नरेन्द्र मोदी ने भी किया पोरखण को याद

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID -19 को हराने के लिए अनुसंधान के क्षेत्र के तमाम लोगों की सराहना की और 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों को अंजाम देने में देश के वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि को याद किया।

यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र उन सभी को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा,

आज, दुनिया को COVID-19 से मुक्त बनाने के प्रयासों में प्रौद्योगिकी कई रूपों में मदद कर रही है।


संदर्भ- आज तक

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