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MyPeriodStory: माहवारी का सफर

पुष्पा, जिसने दिल्ली के जहाँगीर पुरी से चलना शुरू किया दिल्ली से कुछ ही किलोमीटर चली ही थी की,उसका (महीना) शुरू हो गया,पुष्पा को पता भी नही था कि उसको महीना शुरू हो जायेगा,

जो साथ मैं चल रही मजदूर महिलाएं पैदल चल रही थी उनमें से कइयों के माहवारी चल रहे होंगे उनमें से एक पुष्पा भी थी,

चलते काफ़िले में अचानक शुरू हुए माहवारी के लिए सबको कैसे रोकती तोह बिना किसी को बताये चलती रही,

लेकिन कुछ समय का आराम बोल कर उसने छुप कर ,साथ मैं रखा कपड़ा जाकर लगाया, लेकिन वो कपड़ा भी कुछ समय बाद ही भीग गया, कुछ समय चलते चलते उसको एक दम याद आया कि उसकी बेटी भी बारह साल की हो चली है,उसकी भी वही उम्र है जिसमे उसको महीना शुरू हो गया था,

 

वो डरी सहमी अपनी बेटी की तरफ देखते हुए रो पड़ी,

चलते चलते जब वो माहवारी को सोच रही थी बहुत कुछ उसके मन में चल रहा था,

तो एक दम से उसको वो एन जी ओ वाली दीदी के दिये हुए स्टेफरी पैड्स की याद आयी, वो सोचने लगी कि काश उस समय मैं दीदी को मना नही करती तो शायद तो ये वक़्त अच्छे से बीत जाते लेकिन उसको ये लगता था कि अगर ये कपडे की जगह पैड इस्तेमाल करूँगी तो आगे चल कर इसका खर्चा कौन उठाएगा?

चलते चलते वो इतना चल ली थी कि उसके माहवारी के दिन भी चलते चलते बीत गए थे,

माहवारी के दौरान घर में रहकर उसकी टांगे सूज जाती थी,लेकिन आज जब वो पैदल चल रही है और माहवारी के समय वो किसी को बता भी नही सकती ,और अगर वो किसी को बताती तो किसी को फ़र्क ही नही पड़ता उसको चलना ही था तो वो चलती रही बिना किसी को बताए,

 

फिर पुष्पा बेटी को सोचने लगी उसकी भी उम्र हो गयी क्या होगा? अगर उसको माहवारी शुरू हो जाएगा तो में तो चुप चलती रहूंगी, बर्दास्त कर लूंगी,लेकिन बेटी…

लेकिन लॉक डाउन के दौरान सभी राज्यों में फ्री पैकेज, फ़ूड डिस्ट्रीब्यूशन हर चीज के बारे मे चर्चा हो रही थी

लेकिन माहवारी के लिए किसी ने क्यों कुछ नही सोचा?

क्या माहवारी के बारे मे सोचना जरूरी नही था ?

क्या इस दौरान महवारी के लिए कुछ सुविधा हो सकती थी ?

लेकिन एक बात थी ….. माहवारी को नही पता है, की लॉक डाउन होगा उसको क्या पता था कि कुछ मजदूर महिलाओ को अपना घर छोड़ना पड़ेगा,उसको बीच रास्ते में माहवारी आएगी

चलिए ये तो हुईं पुष्पा की बात,

लेकिन बहुत मजदूर महिलाएं जो कि अपने घर जाने के लिए ना जाने कहा कहा फसी होंगी

उनको क्या क्या समस्या आएगी?

कितनी महिलाएं इस दौरान खुद को कैसे संभालेंगी

 

बहुत ही समस्या है?

घर भी पहुँचना है, लेकिन इन दौरान चल रही परेशानियों से भी लड़ना है।।।।।

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