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अमेरिका के आंदोलन में लग रहे नारे ‘No Justice No Peace’ का सही अर्थ समझिए

आज कल अमेरिका में आंदोलन के दौरान लगने वाला नारा ‘No Justice No Peace’ बहुत पॉपुलर होता जा रहा है इसीलिए इस नारे का सही अर्थ समझना और दूसरों को भी समझाना बहुत ज़रूरी है । इस नारे में जब ‘No Peace’ शब्द का इस्तेमाल होता है तो इसका मतलब यह नहीं होता की आंदोलनकारी हिंसा का मार्ग ले रहे हैं यह हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं ।

बल्की सच तो यह है कि ब्लैक और सिविल राइट्स मूवमेंट के सबसे बड़े लीडर मार्टिन लूथर किंग गाँधी जी को अपना आदर्श मानते थे और गाँधी जी की ही तरह वो भी अहिंसा वादी थे इसीलिए अमेरिका में चल रहा आंदोलन और यह नारा हिंसा का मार्ग लेने को नहीं कहता है बल्की यह नारा मार्टिन लूथर किंग की ही कही एक और बात को दर्शाता है और उसे आगे बढ़ाता है । वह बात है ‘Injustice any where is a threat to justice everywhere’ जिसका मतलब है कि अगर समाज में कहीं पर भी अन्याय हो रहा है तो पूरे समाज में कहीं पर भी न्याय करने वाली सोच खतरे में पड़ जाती है ।

इसका सीधा मतलब है कि समाज में स्थिरता और शांति तब ही रहेगी जब समाज में न्याय होगा । अगर समाज के कुछ तबकों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है तो वह अशांति और अस्थिरता का रूप लेके समाज के बाकी तबकों तक भी पहुँचेगा। इसलिए जरूरी है कि अगर समाज में पूर्ण शांति और स्थिरता कायम करनी है तो उसका पहला कदम होगा समाज में न्याय स्थापित करना ।

इसलिए जब आंदोलनकारी कहते हैं ‘No Justice No Peace’ तो उनका मतलब है कि जब तक जिनके साथ अन्याय हुआ है उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक आंदोलनकारी भी अपने घरों में शांति से नहीं जी पाएंगे उन्हें भी तब तक सड़कों पर अपना संघर्ष जारी रखना होगा । जब तक न्याय नहीं होगा तब तक शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा बस यही इस नारे का मतलब है । इसीलिए जो मूवमेंट महात्मा गाँधी के ही आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है उसे हिंसा से जोड़ कर मत देखें । यह भी न्याय के लिए एक तरह का सत्याग्रह ही है जिसमें सत्य और अहिंसा ही सर्वोपरी है । शांति सिर्फ सड़कों पर ही ज़रूरी नहीं है मन की शांति भी ज़रूरी है जो कि आंदोलनकारियों को न्याय मिलने के बाद ही मिलेगी ।

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