दिल्ली–एनसीआर के इलाके में विगत डेढ़ महीने में करीब 11 बार भूकंप का आना हर किसी के लिये चिंता का वजह बना हुआ है | इतने अल्प समय-अंतराल में कई बार भूकंप आ जाने की वजह से हर कोई दहशत में है और रह–रह कर सबके मन में सवाल उठ रहा है कि कहीं ये कि कहीं ये किसी बड़े भूकंप की आहट तो नहीं है।यह प्रश्न बेबुनियाद नहीं है। जो लोग ये जानते हैं कि दिल्ली भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील इलाके में है उनके लिए ये सवाल विचलित करने वाले जरूर हो सकते हैं।
पिछले डेढ़ महीनों में दिल्ली और आसपास का इलाक़ा 11 बार भूकंप से कांप चुका है. इनमें से ज़्यादातर भूकम्प काफ़ी कम तीव्रता वाले थे और इसलिए इनका झटका ज़्यादा महसूस नहीं किया गया. हालांकि शुक्रवार यानि 29 मई को दिल्ली और आसपास के इलाक़े में झटका ज़ोर का था जिसने लोगों को डरा दिया. इसका केंद्र हरियाणा में रोहतक था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 थी.
आपको बता दें कि भूकंप की तीव्रता के आधार पर पूरे देश को चार जोन में बांटा गया है। सिस्मोजॉनिक मैप के आधार पर दिल्ली जोन-4 में आती है। इस तरह के जोन में 8 की इंटेनसिटी के भूकंप की आशंका जताई जाती है।
आइए जानते हैं कि पिछले डेढ़ महीनों में दिल्ली–एनसीआर में कब -कब और कितनी तीव्रता के भूकम्प रिकॉर्ड किए गए…
12 अप्रैल – 3.5 – दिल्ली
13 अप्रैल – 2.7 – दिल्ली
16 अप्रैल – 2.0 – दिल्ली
03 मई – 3.0 – दिल्ली
06 मई – 2.3 – फ़रीदाबाद
10 मई – 3.4 – दिल्ली
15 मई – 2.2 – दिल्ली
28 मई – 2.5 – फ़रीदाबाद
29 मई – 4.5 – रोहतक
29 मई – 2.9 – रोहतक
कुछ आपातकालीन परिस्थितियों में आपको तुरंत जल्दी से जल्दी निकलना पड़ सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को घर तथा कार्यस्थल में एक पैक गेटअवे किट रखनी चाहिए जो आसानी से सुलभ स्थान पर रखी हो ।
आपातस्थिति इमरजेंसी किट:
पहला कदम: एक तैयारी किट का निर्माण करें! ये जीवनरक्षक किट आपदा ले समय में अत्यंत लाभकारी हो सकती है | अचानक आने वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए
आपकी सुरक्षा किट में होना चाहिए:
- पानी: प्रत्येक दिन प्रति व्यक्ति 1 गैलन;
- गैर विनाशकारी भोजन: अच्छी तरह से संरक्षित और तैयार करने में आसान (डिब्बाबंद भोजन, स्नैक्स, शुष्क बिस्कुट, आदि);
- अपने ज़रूरी दस्तावेज को अपनी ईमेल पर रख लें.
- टार्च और रेडियो,अतरिक्त बैटरियों के साथ
- प्रसाधन वस्तुएं – तौलिया, साबुन, टूथब्रश, टॉयलेट पेपर
- सीटी
- कैश
- कम्बल या स्लीपिंग बैग
- फेस और डस्ट मॉस्क
- एक केन ओपनर
- चार्जर के साथ सेलफोन
- पोर्टेबल रेडियो (महत्वपूर्ण संचार जानने के लिए);
- आपके उपकरणों के लिए अतिरिक्त बैटरी (विशेष रूप से टॉर्च और आपके रेडियो के लिए);
- प्राथमिक चिकित्सा किट: विशेष पट्टियों में, स्ट्रिप्स, हाइड्रोजन पेरॉक्साइड(कीटाणुशोधन करने के लिए)
- कपड़े -कम से कम एक जोड़ी, अन्तःवस्त्र
- व्यक्तिगत दस्तावेजों की प्रति: पते का प्रमाण, घर पर कार्य / पट्टा, बीमा पॉलिसी, पहचान प्रमाण (जन्म और विवाह के प्रमाणपत्र, वाहन चालक लाइसेंस और पासपोर्ट), वित्तीय दस्तावेज और बहुमूल्य पारिवारिक चित्र।
- विशेष दवा दस्तावेजों की प्रतिलिपि (पर्चे);
- प्राथमिक चिकित्सा की किट और जरूरी दवाइयां
- विशिष्ट आवश्यकता की चीजें, जैसे कि श्रवण यंत्र (हीयरिंग एड्स) और अतिरिक्त बैटरियां, चश्मे या चलने फिरने में सहायक उपकरण
- आपातकालीन पानी और ले जाने में आसान भोजन रसद, जैसे कि इनर्जी बार और सूखे मेवे आदि, जो तब काम आएंगे यदि आपको किसी ऐसे कल्याण केन्द्र या स्थान पर पहुंचने में देर हो रही हो जहां आपको मदद मिल सकती हो। यदि आपकी आहार आवश्यकताएं कुछ विशेष हैं, तो अपने साथ अतिरिक्त रसद लेना सुनिश्चित करें।
- नोट और कलम
- व्यक्तिगत स्वच्छता आइटम (साबुन और तौलिया);
- कंबल (ठंड और कम तापमान से आपको बचाने के लिए
- आसपास के क्षेत्रों का नक्शा (बाढ़ और भूकंप के मामले में, यह अनुमान नहीं लगाया जाता है कि स्थान समान दिखते हैं)
- बेबी आपूर्ति: बोतलें, शिशु आहार और डायपर;
भूकंप आने पर क्या करें, क्या न करें…..
1-भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
2-बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
3-कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
4-भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
5-अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
6-कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
7-खुलते–बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
8-घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें.
9-मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के–हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें। अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं
10- अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं.
11- भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है.
12-गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।
आपदा के समय जीवन रक्षक विधियों का जानना अत्यंत आवश्यक है और सबसे महत्वपूर्ण ये है की जो नियति में लिखा है उसे हम टाल नहीं सकते परन्तु अपनी जीवन रक्षा के लिये प्रयत्न कर सकते हैं |
आप सबको पता है कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं किसी को बता कर नहीं आती। जब भी कोई बड़ी आपदा आती है तो लोगों के पास सोचने भर का भी समय नहीं मिलता। जब तक इन्सान कुछ समझ पाता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में सावधानी ही जान-माल के नुकसान से बचा सकती है।
आज के समय को देखते हुये हमें हर परिस्थिति के लिये तैयार रहना चाहिए इस प्रकार से हम होने वाले नुकसान को कम तो नहीं कर सकते परन्तु ख़ुद को सचेत रख के अपने जीवनरक्षा के लिये भरसक प्रयत्न तो कर सकते हैं|
आपदाप्रबंधन किट के बारें में आप अब लोग ज्यादा ज्यादा लोगों से बात करें, उन्हें सचेत करें क्यों सतर्कता ही बचाव है |
शालिनी उपाध्याय
PS: Facts taken from Google