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सब्र ( By- ARJUNA BUNTY)

  सब्र

पहले बुजुर्गों से सुना था जिंदगी इम्तिहान लेती है, तब लगता था कि  लोग भी क्या क्या बोलते हैं, भला जिंदगी भी कहीं  इम्तिहान लेती है । अल्हड़पन था बचपना था ना समझ था शायद इसलिए बहुत बातों का मतलब समझ ही नहीं पाता, बच्चा कह कर बच निकलता था । परंतु अब लाले दी जान खंबा जैसा हो गया हूं , कुछ गुण तो आना लाजमी है समझदारी भी आई है पर इन सब में गौर करने वाली बात है । “सब्र” जिसको देखिए सब हड़बड़ी में है सबको आज ही सब कुछ पाना है ,चाहे जिस भी तरीके से पाना हो फिर ना हाथ लगे तो किस्मत ही खराब है ! दरअसल मुझे वह बात अब समझ आ गई है कि जो इम्तिहान हम स्कूल और कॉलेजों में देते हैं । उस इम्तिहान का रिजल्ट हमें मालूम हो जाता है कि हम पास होंगे या फेल ग्रेड अच्छे आएंगे  या खराब परंतु सच जो इम्तिहान जिंदगी लेती है उसका न समय निश्चित होता है न दायरा ना ही इम्तिहान पास या फेल होने की गुंजाइश।
हां मगर इस बात का इत्मीनान जरूर होता है कि वह इम्तिहान कुछ ऐसा सीख दे जाती है ,जो हमें पूरी जिंदगी याद रहता है और उसे हम अपने छोटों से भी बांटते हैं ताकि वह गलती जो हमने कि वह न दोहराएं।
  इम्तिहान का एक खास मतलब होता है इम्तिहान हमें बतलाना चाहता है कि हम कितने कुशल है और अपने अंदर एक शब्द को पनाह दीजिए वह शब्द है सब्र अगर सब्र रखेंगे तो हर इम्तिहान पास हो जाएंगे परंतु सब्र ना रखा तो हर इम्तिहान फेल ।
दूसरी बात भरोसा खुद पर भरोसा करना सीखिए बस मैं ऐसा हूं तो हूं और वैसा नहीं हूं तो क्यों नहीं हूं ।
ईमानदारी दुनिया को दिखाना जरूरी नहीं पर अपनी नजर में तो मैं ईमानदार हूं यही फर्क आपको औरों से अलग बनाता है ईमानदार लोग कहीं भी नजर नहीं झुकाते अपनी गलतियों को महसूस करना सीखे इससे आपके अंदर इमानदारी आएगी जब आप ईमानदार बनेंगे तो सब्र आपके पास जरूर होगा या सब्र करना सीख लिया तो ईमानदारी भी आप में आएगी ।
एक वक्तव्य है Waiting is a part of your life. यही सच है!
ठहराव जिंदगी का भाग है ,
मैं भी आया था पटना इस साल मै ये सब कर लूंगा अगले साल वह करूंगा और फिर अगले साल जॉब करूंगा लाइफ सेटल हो जायेगी।
परंतु यह इतना आसान नहीं था, मेहनत अपनी जगह है, किस्मत अपनी जगह अब तक न जाने कितने इम्तिहान भी दे चुका था और ना जाने कितनों में पास हुआ और कितने में फेल कभी कभी सब्र का बांध टूटा पर पापा, दोस्तों रिश्तेदारों का सहयोग रहा हौसला अफजाई करते रहें। ढांढस बंधा रहे शायद यह एक परीक्षार्थी के लिए जरूरी भी है और था भी।
परंतु जिंदगी की लड़ाई जब इंसान लड़ता है उसका इम्तिहान देता है तो वह हताशा कभी-कभी जानलेवा भी होती है और उस समय हमें एक ही चीज है जो सांत्वना देती है वह है सब्र।
कहते हैं सब्र करो सब्र का फल मीठा होता है । सच है अगर आप सब्र करते हैं तो जो आज होने वाला था उससे कहीं ज्यादा अच्छा कल होगा यही आप का इम्तिहान है ।
सब्र एक प्रकार का इम्तिहान ही है अपने जज्बात को हर कोई एक-दूसरे से बताता है और कुछ ही ऐसे लोग होते हैं जो इसे छुपाते हैं। वह तलाश करते हैं कि आखिर कब तक मैं ऐसी  विषम परिस्थितियों का सामना करूंगा यही तलाश सब्र है । आप हमेशा तैयार रहिए इम्तिहान देने को ना डर रहें, ना भय तैयारी अच्छी हो या बुरी आप जैसे भी हैं बस आप खुश हैं कि आपको इम्तिहान देना है । जिंदगी का इम्तिहान अपने सब्र का इम्तिहान जिसके बारे में आपको कुछ भी मालूम नहीं और ना आप जानना चाहते हैं। क्योंकि आपको इससे एक ज्ञान प्राप्त होने वाला है एक अनुभव आपको मिलने वाला है आपको एक नयापन का अनुभव होने वाला है कुछ तो खास है इसमें जिंदगी कभी अगर बेरहम भी हुई तो आपके लिए एक अनमोल सीख दे कर जाएगी ।
धन्यवाद।
Arjuna Bunty.

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