इंसान पैसों के लिए इतना पागल हो चुका है कि उसके लिए कोई रिश्ते मायने नहीं लगते अब। ऐसी ही एक घटना के बारे में आज बता रहे है जो 19 नवंबर 2018 से जयपुर में शुरू हुई जहां बबीता मीणा को उसके पति और ससुराल वालों ने दहेज के 500000 / – रुपये के लिए पीटा था। उसे बहुत तकलीफ़ दी गयी और उसके ससुराल वालों ने उसे उसके माता-पिता से दूर रखा और उसे घर नहीं जाने दिया। कुछ दिनों के बाद, बबीता किसी तरह अपने बच्चों को लेकर वहाँ से अपने मायके लौट आई। बबीता के अनुसार, ससुराल वालों द्वारा नियमित रूप से पीटा जाता था और परेशान किया जाता था। उसके पति उसे अक्सर शराब पीकर पीटा करते थे और उसे नग्न अवस्था में छत पर खड़ा कर दिया जाता था।
बबीता ने पूरी घटना अपने पिता के साथ साझा की, फिर उसके बाद उसके पिता ने ससुराल वालों से बातचीत की और समझाया कि वो गरीब है इतनी बड़ी रक्कम कहा से ला सकते है मगर फिर भी वो दिहाड़ी की कमाई जोड़ जोड़कर पैसा इक्कठा कर रहे है, जैसे ही जमा हो जाता है या फिर थोड़े थोड़े करके उनको दे देंगे क्योंकि उनकी घर की परिस्थिति भी नाजुक चल रही है। उन्होंने उनसे निवेदन किया कि कृपया उनकी बेटी के साथ मारपीट ना करे और उसे दहेज के पैसों के लिए परेशान ना करे। यह सब समझा बुझाकर उन्होंने बबीता को वापस अपने ससुराल भेज दिया, लेकिन उसे फिर से दहेज के लिए परेशान किया गया। 18 जनवरी को फिर से बबीता के भाई उसे वापस घर ले गए और जाने से पहले बबीता के ससुराल वालों ने बबीता से कुछ खाली कागजात पर हस्ताक्षर करवाए।
फिर २० दिन बाद उसके बबीता के पति घर आए और फिर से उससे दहेज की राशि की मांग की तब बबीता के परिवार वालों ने बबीता के पति को समझाया और उसे वापस ससुराल भेज दिए और लगभग 3-4 महीने तक उसके परिवार के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। फिर अचानक 15 मई 2020 को शाम लगभग 5 बजे उन्हें पोलिस का फोन आया और उन्हें सूचित किया गया कि बबीता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। यह सुनकर उसके माता – पिता पोलिस स्टेशन जाकर उसके ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की और उन्हें इस सारी घटना कि जानकारी दी। बबीता के पिता ने उसके पति और सारे ससुराल वालों को गिरफ्तार करने की मांग की है लेकिन अब तक इस वारदात में सिर्फ उसके पति की गिरफ्तारी हुई है और जांच अब भी जारी है।