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गर्ल्स कॉलेज में भी पीरियड्स पर बात करते हुए हिचकिचाहट क्यों होती है?

Period A Taboo

Period A Taboo

एक दिन मेरी मॉडर्न सासु माँ ने टीवी पर चल रहे पैड्स के विज्ञापन को देखकर कहा, “आज कल कुछ नहीं छुपा है। आखिर क्या ज़रूरत है इन सब चीज़ों को टीवी पर दिखाने की? पहले जब विज्ञापन नहीं होते थे तब क्या लड़कियों को नहीं पता था कि ये सब भी होता है? आज कल तो हर जगह इसके पोस्टर और विज्ञापन ऐसे दिखाने लगे हैं जैसे कोई बड़ी बात नहीं।”

तो सुना आपने कि मेरी सासु माँ ने क्या कहा? वो सासु माँ, जिनके लिए बड़ों के सामने घूंघट डालना एक पुरानी प्रथा है। लड़कियों को शादी के बाद जो मन आए वो पहनना चाहिए।

जिनके लिए एक बहु, बेटी के समान हो, उनके मुंह से ऐसे विचार सुनकर मैं आश्चर्य में थी। पीरियड्स या मासिक धर्म कितना बड़ा विषय है, इस बात का एहसास मुझे उस दिन हुआ।

लाल आंटी और लाल मेहमान जैसे नामों से पीरियड्स का ज़िक्र

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Getty Images

हम जितने भी मॉडर्न क्यों ना हो जाएं, पीरियड्स एक संकोच का विषय ही रहेगा। आखिर ऐसा क्यों है कभी सोचा है आपने? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?

मेरा मानना है कि इसके ज़िम्मेदार हम लड़कियां और महिलाएं ही हैं। हम खुद ज़िम्मेदार हैं पीरियड्स को एक संकोच का विषय बनाने में। उदाहरण के लिए आप गर्ल्स कॉलेज चले जाइए। आपको पता चलेगा कि जहां सिर्फ लड़कियां हैं, ऐसे माहौल में भी यह विषय संकोच से भरा है।

मैंने खुद एक गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाई की है। ऐसी जगह जहां टीचर्स भी महिलाएं ही होती हैं। इसके बावजूद मैंने देखा जब भी किसी लड़की के पीरियड्स चल रहे होते हैं तो वह पीरियड्स शब्द का इस्तेमाल करने से बचती है। इसे लाल मेहमान या लाल आंटी या सिर्फ तबियत खराब कहकर इशारों में बताया करती थीं।

क्या पीरियड्स शब्द के उच्चारण से धरती फट जाएगी?

यह हमारे लिए इतनी बड़ी बात क्यों है? जब तक हम पीरियड्स शब्द का प्रयोग बिना संकोच के नहीं कर सकते, तब तक हम इस बारे में बिना संकोच कैसे बात करेंगे? हम अक्सर पीरियड्स से जुड़ी मानसिकता की बात करते हैं, क्या पीरियड्स शब्द का प्रयोग ना करना इन मानसिकताओं का हिस्सा नहीं हैं? आखिर पीरियड्स को तरह-तरह के दूसरे नाम देना इस मानसिकता को बढ़ावा देना नहीं है?

आखिर पीरियड्स को पीरियड्स कहने में क्या हर्ज़ है? क्या पीरियड्स शब्द को कहने या सुनने से धरती फट जाएगी या आसमान टूट पड़ेगा?

यह पीरियड्स है, हैरी पॉटर का वोल्डेमोर्ट नहीं!

बच्चे से लेकर बूढ़े को पता है कि आखिर पीरियड्स किस चिड़िया का नाम है। फिर भी हम सबके सामने बात करने से बचते हैं। अगर इस बारे में बात करनी हो तो या एक-दूसरे के कान में कह देते हैं या सबसे अलग जाकर बात करते हैं। अगर किसी को पीरियड्स के कारण हो रही तकलीफ की वजह से ऑफिस से छुट्टी चाहिए हो तो वह इसे गर्ल प्रॉब्लम कह देता है।

अगर सब समझते हैं कि लाल मेहमान या लाल आंटी कौन है, जो हर महीने आ जाती है और यह गर्ल प्रॉब्लम्स आखिर क्या है, फिर हम इस कोड वर्ड में क्यों बात करते हैं? यह पीरियड्स है, हैरी पॉटर का वोल्डेमोर्ट नहीं जो नाम लेने से आ जाएगा। यह तो हर महीने आएगा। यह कोई शर्म की बात नहीं है।

पीरियड्स को एक टैबू कहने से पहले हम लड़कियों को ज़रूरत है कि हम खुद इसे टैबू ना बनाएं। हम खुद इस संकोच को हटाएं और पीरियड्स के बारे में बात करें। पीरियड्स संकोच का नहीं सोच का विषय है। इसे अपनी सोच में शामिल करने की ज़रूरत है।

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