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मेरे साइबर अपराध के खिलाफ बोलने से कैसे मिली अन्य महिलाओं को ताकत?

अभी कुछ दिनों पहले मैंने फेसबुक पर एक पोस्ट देखी थी, जिसमें नग्नता से सुलभ तरीके से तस्वीर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया था।

इस प्रस्ताव के बाद तो वहां कमेन्ट की बौछार लग गई। लोग तरह-तरह के फोटो मांग रहे थे। एक सज्जन ने यहां तक कहा कि उन्हें लोकल तस्वीर चाहिए। अगर पास में हो तो उपलब्ध कराने की कोशिश करें।

आपत्तिजनक पोस्ट की स्क्रीनशॉट।

ऐसी पोस्ट करने वाले यह इंसान मेरे फेसबुक फ्रेंड लिस्ट में थे मगर उनके इस पोस्ट के बाद मैंने उस इंसान को अनफ्रेंड किया और रिपोर्ट करके हटा दिया।

साथ ही मैंने बाकी लोगों को भी उस इंसान को रिपोर्ट करने के लिए कहा। मेरे इस पोस्ट के बाद कई महिलाएं मेरे इनबॉक्स में आईं और अपनी परेशानियों को साझा किया कि किस तरह से उन्हें परेशान किया जाता है।

खुलकर विरोध करने से ही बदलाव आएगा

हालांकि यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि ऐसे पोस्ट्स आपको हर जगह मिलेंगे। महिलाओं को टारगेट करना पुरुषों का फेवरेट टाइम पास है। उसके अंगों पर मज़े लेना और टिप्पणियां करना कि उनके अंगों की बनावट और कसावट कैसी है।

ताज्जुब इस बात से होता है कि कई महिलाएं यह सब जानने के बाद भी आखिर क्यों विरोध नहीं करती हैं? जबकि महिलाओं को खुलकर विरोध करना चाहिए ताकि पुरुषों का मुखौटा हटे और और उनका असली चेहरा सामने आए।

सोशल मीडिया एक ऐसा स्पेस बनता जा रहा है, जहां महिलाएं सॉफ्ट टारगेट रहती हैं, क्योंकि किसी इंसान का असल चेहरा तो सामने आता नहीं है मगर उनकी हरकतें उनकी मानसिकता को सामने लाकर रख देती है। 

मैं खुद ऐसे लोगों से परेशान हो जाती हूं और जहां तक संभव होता है, मैं स्वयं भी विरोध करती हूं और लोगों को भी कहती हूं कि आगे आइए और विरोध कीजिए क्योंकि गलत सहना किसी को शह देने के बराबर होता है।

यही बातें किसी को और ताकत देती हैं कि वह अपनी मर्यादा भूलकर अश्लीलता का नंगा नाच करने लगता है। घर से लेकर सड़कों पर और सोशल मीडिया तक हर जगह महिलाएं सहती हैं। मैं पूछती हूं कि क्यों सहना किसी के लिए? आखिर क्यों? 

हमें मुखर होने की ज़रूरत है

कई महिलाएं घर पर ही पुरुषों की अश्लील नज़रों को बर्दाशत करती हैं मगर बोलती नहीं हैं, क्योंकि उन्हें रिश्तों के टूटने का डर सताता रहता है। ऐसे लोगों से रिश्ता जोड़कर क्या फायदा, जिन्हें खुद ही रिश्तों की मर्यादा नहीं है। गलत को सहना भी गलत है इसलिए विरोध कीजिए ताकि अन्य महिलाओं को संबल मिले और वे भी आगे आकर बोल सकें जैसा मैंने किया। 

जब मैंने इन चीज़ों को फेसबुक पर शेयर किया तो महिलाओं ने अपनी परेशानियों को भी साझा किया। महिलाओं द्वारा लिया गया यह सकारात्मक एक्शन है। इसलिए बेहतर यही है कि हम सभी अपनी-अपनी आवाज़ को एक करके साइबर से जुड़े अपराधों के खिलाफ मुखरता से उठाएं। 

यहां करें शिकायत 

साथ ही साइबर से जुड़े अपराधों की शिकायत के लिए गृह मंत्रालय ने नैशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल उपलब्ध करवाया है, जहां इन मामलों की शिकायत की जा सकती है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ईमेल आईडी complaint-mwcd@gov.in पर भी शिकायत दर्ज़ की जा सकती है।

निकटतम पुलिस साइबर सेल में भी शिकायत लिखवा सकती हैं। शिकायत करते समय यह ध्यान रखने की ज़रूरत है कि आपको भेजे गए मैसेज का स्क्रीनशॉट, व्यक्ति की आईडी आदि का स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर सुरक्षित रखा हो। आप राष्ट्रीय महिला आयोग के नंबर (0111-23219750) पर भी संपर्क कर सकती हैं।

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