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#My Period Story: “मैं घबरा गयी थी, माँ ने बोला ये औरतों वाली बीमारी”

मैं कोमल, जब मुझे पहली बार माहवारी हुई तो घबरा गई,  मैंने सोचा मुझे यह कौन सी बीमारी हो गयी, हुआ क्या है? क्योंकि उस दिन मैं स्कूल में थी और वॉशरूम के लिए गई पर मेरे पेट में हल्का सा दर्द हो रहा था और जब मैं वॉशरूम करने लगी तो पता चला कि खून कहां से आए| बड़ी घबराहट के साथ अब मैं बाथरूम से बाहर भी नहीं आ रही थी, सहेलियों के साथ बाहर आयी, तो मैं रोने लगी स्कूल टीचर ने पूछा क्या हुआ है,  बस मेरे पास एक ही जवाब था मैं कहीं नहीं गिरी,  मैंने कोई शैतानी नहीं की है,  और मेरे कहीं चोट भी नहीं लगी है पर यह खून कैसे?  कुछ समझ नहीं आया टीचर ने मेरी मम्मी को बुलाया और मां के साथ मुझे घर भेजा गया| मैंने मम्मी को बोला की मम्मी मुझे कोई चोट नहीं लगी है,  मैंने कोई शैतानी नहीं की, पर यह हुआ क्या मुझे कुछ नहीं पता| मेरी मम्मी ने बोला बेटा यह औरतों वाली बीमारी है यह लड़कियों और औरतों को होती है, अब मेरी घबराहट और ज्यादा बढ़ गई| मुझे कुछ समझ नहीं आया, मुझे क्या हुआ है, धीरे धीरे मेरी मां ने जैसे-तैसे समझा करके घबराहट दूर की, मुझे कपड़ा दिया गया लगाने के लिए और बताया गया कि यह हर महीने, इस तरीके से होगा, लेकिन ज्यादा कुछ बताया नहीं,  हां यह जरूर समझाया कि तुम्हें अलग से सोना है, किचन में नहीं जाना है, अचार पापड़ और घर की कुछ चीजों को नहीं छूना है, और और इन दिनों के दौरान मंदिर में पूजा के लिए भी नहीं जाना है| मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मेरे साथ यह सारी बंदिशे क्यों? मैंने ऐसा क्या कर दिया?  अब रूम टू रीड के साथ जुड़ने पर दीदी ने बताया कि समाज में कितनी सारी धारणाएं है | अब मैं उन चीजों को याद करती हूं तो मुझे लगता है कि वास्तव में हमारे साथ कितना अन्याय हो रहा है, यह एक प्राकृतिक घटना है, उसमें महिला या लड़की का कोई दोष नहीं है फिर भी उसे अपने घर परिवार से अलग कर दिया जाता है हमेशा स्कूल में घर में डर डर के रहना पड़ता है, लड़कों के सामने घर वालों के सामने, कभी भी हम यह बता नहीं सकते कि मुझे पेट दर्द हो रहा है, यह परेशानी महामारी के कारण है, और हमेशा बोला यह जाता है कि कभी भी घर वालों के सामने बड़ों के सामने महावारी का नाम तक नहीं लेना| क्या वास्तव में महावारी इतना खराब है, जो आने वाली पीढ़ी को जन्म देने के लिए जरूरी है| उसी के साथ इतना भेदभाव क्यों किया जाता है, समाज में जागरूकता की कमी है और उसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत है, अगर सारे लोग इसको समझ सकेंगे जागरूक होंगे तो किसी भी लड़की और महिला के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होगा| इस काम के लिए बालिका शिक्षा कार्यक्रम जो हमें सिखा रहा है , मैं धन्यवाद देती हूं कि हमें यह जानकारी मिली और हम इसको अपने घर वालों तक ले कर जा रहे हैं |

धन्यवाद

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