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कैसे बनाते हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी लोग जंगली मशरुम की सब्ज़ी?

Chhattishgarh tribes Special food

Chhattishgarh tribes Special food

छत्तीसगढ़ के जंगलों में अनेक प्रकार के वन्यजीव, फल-फूल, पेड़-पौधे और खाने की चीज़ें मिलती हैं। आदिवासियों का खाना, जैसे फूटू, चेरोठा, भांजी, बोडा, करील सब जंगलों से ही मिलते हैं।

इस लेख के द्वारा मैं आपको एक ऐसे खाने के बारे में बताना चाहूंगा, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी बड़े उत्साह से खाते हैं। भारत में लगभग 2000 से भी अधिक किस्म के मशरूम पाए जाते हैं, उनमें से एक है फूटू। यह एक ऐसा जंगली मशरूम है, जो सिर्फ बरसात के समय में ही निकलता है। अलग-अलग समुदाय में इसका अलग-अलग नाम होता है, भूंजिया आदिवासी इसे ‘बरसिया फूटू’ कहते हैं।

फूटू बाज़ार में 300 से 400 रुपए प्रति किलो के दाम पर मिलता है। यह अन्य सब्ज़ियों से ज़्यादा महंगा होता है और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट होता है।

फूटू की सब्ज़ी बनाने की विधि

जंगल से फूटू निकालने से बाद फूटू को पकाने के लिए परसा पान भी तोड़े जाते हैं। घर लाने के बाद फूटू को साफ किया जाता है, उसमें लगी मिट्टी निकली जाती है।

इसे साफ करने के बाद इसके टुकड़ें किए जाते हैं जिन्हें 10 मिनट तक पानी में भिगोया जाता है, ताकि इसमें लगा मिट्टी-कंकड़ आदि अच्छे से निकल जाए।

जंगल से निकाला गई फूटू सब्ज़ी

जंगल से निकाला गया फूटू

5-6 परसे के पत्ते लेकर उन पर फूटू को रखा जाता है। फिर उस पर हल्दी, मिर्ची पाउडर और नमक डाला जाता है और इसे ठीक से मिलाकर पत्तों की चारों तरफ से लकड़ी से सिलाई की जाती है। इन पत्तों को 30 मिनट तक आग पर पकाया जाता है।

इस तरह से फूटू की स्वादिष्ट सब्ज़ी तैयार हो जाती है। इसे ज़्यादातर चावल के साथ ही खाया जाता है।

परसों के पत्ते में लपेटे फूटू को पकाते हुए

वीडियो देखिए: कैसे बनाते है छत्तीसगढ़ में जंगली मशरुम की सब्ज़ी


यह फूटू सब्जी सभी आदिवासियों का मन लुभाने वाली सब्ज़ियों में से एक है। आप भी इसे आसानी से बना सकते हैं और आदिवासी खाने का स्वाद आज़मा सकते है।


लेखक के बारे में: खाम सिंह मांझी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई की है और वह अभी अपने गाँव में काम करते हैं। वह आगे जाकर समाज सेवा करना चाहते हैं।

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